‘जाते हुए भी तड़पाते हो आते हुए भी
दिल्ली आज कुछ ऐसा ही महसूस कर रही है. ‘कल’ जिसने तबाही का मंज़र दिखाया. ‘कल’ जो किसी अनहोनी से सहमा हुआ है. सीएए समर्थन और विरोध के नाम पर जो दंगे भड़के उसने 38 बेगुनाह ज़िंदगियों को लील लिया.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सरकारी-निजी संपत्ति को बरबाद कर दिया गया. जो दुकानें किसी परिवार की रोज़ी-रोटी का ज़रिया थीं, जला दी गईं. जो स्कूल आने वाले भविष्य का निर्माण कर रहे थे, ध्वस्त कर दिये गए. जो जिंदगियां किसी के घर का चिराग थीं, बुझा दी गईं.
दंगाईयों ने जो घाव शहर को दिया है, उसका दर्द ये तस्वीरें बयां कर रही हैं.
Aftermath of violence in northeast Delhi's Chand Bagh area in pictures I report for @ians_india pic.twitter.com/k98mjSNX7e
— Anand Singh (@Anand_Journ) February 26, 2020
Here’s a glimpse of the aftermath of violence in northeast Delhi. pic.twitter.com/4dvlbyug8k
— Pankhuri (@PankhuriTOI) February 25, 2020
Books lie scattered at the Rajdhani Public School which was vandalized in Tuesday’s violence at Shiv Vihar in New Delhi, India, Wednesday, Feb. 26, 2020 #DelhiRiots pic.twitter.com/klwwhrMrce
— Lazy Bugger (@saiyafs) February 27, 2020
Son of Muddasir Khan , the Martyr of Delhi Genocide 2020 with tears in his eyes .
— तमन्ना ( تمنا ) (@TamannaPankaj) February 27, 2020
Congratulations BJP supporters . This is exactly what you wanted . #Delhigenocide pic.twitter.com/72UJWVP2mb