सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी गज़ब दुनिया है. यहां कई रसिकबाज़ एंजल प्रिया और पापा की परियों के शिकार हो चुके हैं. और कई ऐसे हैं जो ख़ुद यहां एंजिल प्रिया बन जाते हैं. अब इस फ़ेहरिस्त में एक और नाम जुड़ गया है. 

फ़ेसबुक पर निशा जिंदल के नाम से 10 हज़ार से ज़्यादा फ़ालोवर्स वाला एक पेज है. निशा जिंदल की आईडी वाला ये पेज अपने भड़काऊ टिप्पणियों के लिए मशहूर है. यही वजह है कि पुलिस की निगाह इस पेज पर पड़ी. पड़ताल शुरू हुई तो पता चला कि लड़की की फ़ोटो लगाकर इस पेज को रवि नाम का एक शख़्स चला रहा था. 

छत्तीसगढ़ के रायपुर का रहने वाला रवि पिछले 11 साल से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है. मगर भाईसाहब का इंजीनियरिंग से ऐसा तगड़ा प्यार है कि अभी भी ग्रेजिएट न हो पाए. ख़ैर अब क्या ही कर पाएंगे. पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है. साथ ही उससे फ़ेसबुक पेज पर असली पहचान का खुलासा भी करवाया गया. पुलिस ने फ़र्जी असली तस्वीर के साथ एक कैप्शन लिखावाया. 

‘मैं पुलिस कस्टडी में हूं, मैं ही निशा जिंदल हूं.’ 

जो आदमी 11 साल से इंजीनियरिंग नहीं निपटा पाया, उसकी लम्पटगिरी की हद तो देखिए. भैया अपने कई फ़र्जी आईडी और खातों पर ख़ुद को विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व व्यापार संगठन और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसे विभिन्न संगठनों का सदस्य बताते हैं. 

रवि अपनी फ़र्जी आईडी से अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता था और अपने फ़ॉलोवर्स को गुमराह करता था. यही वजह थी कि ये पुलिस की राडार पर आ गया. पुलिस ने आईपी एड्रेस को ट्रेस कर इसे गिरफ़्तार किया, तब जाकर उसकी असली पहचान उजागर हुई. 

उसके ख़िलाफ़ IPC 153A (विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और 295 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्यों, धार्मिक भावनाओं को अपमानित करना) और आईटी अधिनियम की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है. 

अब निशा जिंदल उर्फ़ रवि के फ़ॉलोवर्स बस ये ही सोचकर ख़ुद को दिलासा दे रहे हैं. 

  ‘जो जख़्म तूने दिए फ़ेसबुक पर

 उन सबका हिसाब लूंगा व्हाट्सएप पर
 मैं आशिक़ हैं डिजिटल ज़माने का 
 आकाशवाणी समझने की भूल न कर’