बीते सोमवार को ‘जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी’ के छात्रों ने फ़ीस बढ़ोतरी के ख़िलाफ़ कैंपस से संसद तक मार्च निकालने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने छात्रों को बीच रास्ते में ही रोक लिया. इस दौरान पुलिस और छात्रों की बीच हुई झड़प में पुलिस ने छात्रों पर ख़ूब लाठियां बरसाई. पुलिस की लाठीचार्ज से कई छात्र लहुलुहान हो गए.
लहुलुहान छात्रों की तस्वीरें सामने आने के बावजूद पुलिस ये मानने को तैयार नहीं है कि उसने कोई बल प्रयोग किया. पुलिस ने प्रोटेस्ट कर रहे करीब 100 छात्रों को हिरासत में लिया. पुलिस के बल प्रयोग से कई छात्र घायल हो गए हैं, जबकि कुछ छात्रों को हॉस्पिटल में भर्ती भी कराना पड़ा.
सोमवार को जैसे ही छात्र संसद मार्च के लिए कैंपस से निकलने लगे, तभी कई जगहों पर पुलिस ने बैरिकेडिंग करके उन्हें रोक दिया. इस पर छात्रों ने बैरिकेडिंग पार करने के लिए नई रणनीति अपनाई और सभी तितर-बितर हो गए. दोपहर 1.45 के करीब छात्रों ने योजना के मुताबिक तय रूट को छोड़ मुनिरका गांव होते हुए मार्च को आगे बढ़ाया. करीब 3:30 बजे छात्रों का हुजूम सफ़दरजंग मकबरे के पास पहुंचा. यहीं पर पुलिस ने पहली बार छात्रों पर जमकर लाठीचार्ज किया.
#WATCH Delhi: Clash between Jawaharlal Nehru University (JNU) students and police, earlier today. Delhi Police PRO has said that they will inquire into lathi charge allegations made by JNU students. pic.twitter.com/5yOhuDBvdi
— ANI (@ANI) November 18, 2019
प्रोटेस्ट के दौरान पुलिस ने एक दृष्टि बाधित छात्र के साथ भी मारपीट की. चश्मा उतारकर दिखाया कि वो देख नहीं सकता, फिर भी पीटती रही पुलिस. इसके बाद छात्र को एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराना पड़ा.
युवाओं छात्रों से इतनी नफ़रत ये हैं शशीभूषण पांडेय एक नेत्रहीन JNU का छात्र किस बर्बरता से दिल्ली पुलिस ने इनको पीटा है आप खुद देखिये। pic.twitter.com/BW4NHJYI4j
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) November 18, 2019
जेएनयू के ‘स्कूल ऑफ़ सोशल साइंसेज’ के स्टूडेंट यूनियन काउंसलर शशि भूषण ने बताया कि-
पुलिस की लाठीचार्ज के दौरान मैं ज़मीन पर गिर पड़े थे. इस दौरान पुलिस ने मेरे सीने पर बूटों से वार किया. मैंने पुलिस बताया कि मैं दृष्टि बाधित हूं. मैंने उन्हें चश्मा उतारकर भी दिखाया ताकि पुलिसवाले ये समझ जाएं कि मैं देख नहीं सकता, लेकिन वो रुके नहीं मुझे मारते रहे.
एक अन्य छात्र को लहुलुहान कर दिया
वहीं एक पूर्व पीएचडी छात्र संदीप लुईस ने कहा ‘जैसे ही बैरिकेड टूटा, पुलिस ने छात्रों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया. पुलिसवालों ने मेरे साथ भी धक्कामुक्की की. एक पुलिसवाले ने मेरा पैर खींचा जिससे मेरा संतुलन बिगड़ा और सिर फ़ुटपाथ से टकरा गया. मेरे सिर में पांच टांके लगाने पड़े.’
प्रोटेस्ट के बाद पुलिस ने जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आयशी घोष, जनरल सेक्रेटरी सतीश यादव और पूर्व अध्यक्ष एन साई बालाजी समेत 100 छात्रों को हिरासत में लिया था. इस दौरान छात्रों ने आरोप लगाया है कि उन्हें दिल्ली कैंट, कालकाजी और बदरपुर थाने ले जाया गया जहां उनकी जमकर पिटाई की गयी.
Delhi: Police remove Jawaharlal Nehru University (JNU) students who are protesting near Safdarjung Tomb, demanding complete fee roll back along with other demands. pic.twitter.com/NOxxlVoZg4
— ANI (@ANI) November 18, 2019
पुलिस की लाठी चार्ज की सूचना चारो तरफ़ फैलने पर ‘जेएनयू टीचर एसोसिएशन’ भी करीब शाम साढ़े 6 बजे मौके पर पहुंच गया. हालांकि, इस दौरान छात्र हिरासत में लिए गए छात्रों की मांग पर अड़े रहे. प्रदर्शन के दौरान जेएनयू छात्र संघ के वाइस प्रेसिडेंट साकेत मून ने छात्रों के हुजूम को संबोधित भी किया.
पुलिस का कहना है कि छात्रों की तरफ़ से पुलिस पर किए गए हमले में करीब 30 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. पुलिस प्रोटेस्ट-मार्च निकालने वाले अज्ञात छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज करने की बात कह रही है.
इस विरोध प्रदर्शन के चलते सोमवार शाम उद्योग भवन, पटेल चौक और केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन भी बंद रहे. इन 3 स्टेशनों पर ट्रेनें कई घंटों तक रुकी रहीं. इस दौरान कामकाजी लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
Yellow Line Update
— Delhi Metro Rail Corporation (@OfficialDMRC) November 18, 2019
Entry or exit at Udyog Bhawan, Patel Chowk and Central Secretariat have been opened. Trains are halting at all 3 stations.
Entry/exit gates for Lok Kalyan Marg are still closed and trains will not be halting at the station. https://t.co/96Fq0penFD
8 घंटे के लंबे विरोध-प्रदर्शन के बाद आख़िरकार जेएनयू छात्र संघ के पदाधिकारियों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD) के संयुक्त सचिव जीसी होसुर से मिलने की इजाज़त दी गई.
आधिकारिक तौर पर जेएनयू छात्र संघ की मांगों को स्वीकार कर लिया गया है. छात्र संघ ने दिल्ली पुलिस द्वारा लाठीचार्ज को लेकर भी मंत्रालय को अवगत कराया और दिल्ली पुलिस के ख़िलाफ़ तत्काल कार्रवाई की मांग की.
गौरतलब है कि जेएनयू प्रशासन ने ग़रीबी रेखा से नीचे वाले छात्रों को फ़ीस बढ़ोतरी में राहत देने की बात कही है. लेकिन छात्र इसे पूरी तरह वापस लेने की मांग कर रहे हैं