हम बचपन से ही पढ़ते आ रहे हैं कि जापान एक शांत देश है और यहां के नागरिक बहुत ही सभ्य हैं. लेकिन जापान की एक और पहचान है, जिससे आप अभी तक अनभिज्ञ हैं. दरअसल, जापानियों में पॉर्न फ़िल्मों का बहुत क्रेज़ है. पॉर्न को लेकर उनका एटीट्यूड बहुत ही लिबरल है, लेकिन पॉर्न इंडस्ट्री के डरावने चेहरे पर शायद ही कभी बात होती है.

गौर करने वाली बात ये है कि पॉर्न आर्टिस्ट्स के नाम के आगे स्टार ज़रूर लगा होता है, पर उनकी ज़िंदगी में अंधेरे के सिवा कुछ नहीं होता. एक हक़ीक़त ये है कि पॉर्न इंडस्ट्री की लड़कियों को इंसान समझा ही नहीं जाता. उनके साथ बहुत ही बुरा व्यवहार किया जाता है.

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टोक्यो स्थिति एक संस्था ह्यूमन राइट्स नाउ के मुताबिक, पॉर्न इंडस्ट्री में ज़्यादतियों का शिकार होने के बाद परामर्श के लिए आने वाली महिलाओं की तादाद में बीते साल 80 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है. पॉर्न फिल्मों में लड़कियों से उनकी मर्ज़ी के खिलाफ़ ब्रूटल सेक्स करवाया जाता है. इसे लेकर इंडस्ट्री ने बिना शर्त माफ़ी भी मांगी थी.

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जवान, हसीन और खिलखिलाती लड़कियों को स्क्रीन पर सेक्स करते देखना बहुत से लोगों का दिल खुश कर देता है. लोग बड़ी जहानत से पॉर्न देखते हैं, बाथरूम जाते हैं और लौटकर स्क्रीन बंद कर देते हैं, फिर कुछ घंटों का सुकून. लेकिन, स्क्रीन पर राजी-खुशी सेक्स करने वाली इन लड़कियों की असल हालत न तो लोग जानते हैं और न जानना चाहते हैं.

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जापानी पॉर्न स्टार साकी कोजाई इन्हीं लड़कियों में से एक हैं. 6 साल पहले टोक्यो की सड़क पर जब एक मॉडल स्काउट ने उन्हें जॉब ऑफ़र किया, तो साकी को लगा कि उनका ख़्वाब पूरा होने वाला है, पर ये झांसा था. तब साकी महज 24 साल की थीं. प्रमोशनल वीडियो में काम मिलने की बात सुनी, तो एक्साइटमेंट में कॉन्ट्रैक्ट साइन कर लिया. बाद में पता चला, धोखा हुआ है. आज वो पॉर्न स्टार हैं.

30 साल की साकी अब उन लड़कियों में शामिल हैं, जो पॉर्न के डरावने साए से बाहर आकर आवाज़ उठा रही हैं. वो खुलकर बोल रही हैं कि वो अपनी मर्ज़ी से पॉर्न इंडस्ट्री में नहीं गईं, बल्कि उन्हें जबरन धकेला गया था इस धंधे में. जापान की पॉर्न इंडस्ट्री सैकड़ों बिलियन डॉलर की है, लेकिन पैसा आखिरी सच नहीं होता. कॉन्ट्रैक्ट साइन करते समय साकी को ये भी नहीं पता था कि जो कंपनी उन्हें काम दे रही है, वो कोई मॉडलिंग एजेंसी नहीं है. जॉब के पहले दिन उन्हें उनका काम पता चला कि कैमरे के सामने सेक्स करना है. वो बताती हैं,

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‘मैं अपने कपड़े नहीं उतार पाई. मैं सिर्फ़ रोए जा रही थी, लेकिन वहां से निकलने का कोई रास्ता नहीं था. मेरे आस-पास खड़े 15-20 लोग मेरे कपड़े उतारने का इंतज़ार कर रहे थे. इस धंधे में धकेली गई कोई भी लड़की ऐसे हालात में ‘ना’ नहीं कह पाती.’
साकी की तरह एक और लड़की ने भी अपनी कहानी बताई, जिसे उसका काम बताए बिना कॉन्ट्रैक्ट साइन कराया गया था. उसने बताया, ‘एजेंसी महीनों तक मुझे राज़ी करने की कोशिश करती रही. मेरे पास कोई रास्ता नहीं था. जब मैंने किया तो मुझे बहुत दर्द हुआ, लेकिन प्रोडक्शन टीम रुकी नहीं. वो अपना काम करते रहे.’

200 मॉडल्स के ऊपर हुए एक ऑनलाइन सर्वे में खुलासा हुआ है कि मॉडलिंग के नाम पर एजेंट उन्हें पॉर्न इंडस्ट्री में धकेल देते हैं. कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाते हुए उन्हें इस बात की जानकारी भी नहीं देते हैं.

पॉर्न इंडस्ट्री में काम करने वाली ज़्यादातर लड़कियां बहुत ही कम उम्र की होती हैं. उनके साथ बहुत ही गंदा व्यवहार किया जाता है. पॉर्न इंडस्ट्री में काम करने वाली अधिकतर लड़कियां 18 से 25 साल की होती हैं. उन्हें लीगल कॉन्ट्रैक्ट्स की ज़्यादा जानकारी नहीं होती. कइयों को ये अफ़सोस होता है कि जो भी हुआ, उनकी गलती से हुआ. 

आंकड़ों की अगर बात करें, तो जापान में हर साल 30 हज़ार पॉर्न फिल्में बनती हैं. इंटरनेट के इस दौर में पॉर्न पर रोक नहीं लग सकती. मगर सरकार को सख़्त कानून बना कर इसे रोकने की कोशिश करनी चाहिए.