जांच में पाया गया कि स्कूल की कमियों को दूर करवाने के लिए, स्कूल प्रिंसिपल बत्रा के पास कोई वित्तीय शक्ति नहीं थी, जिस कारण उन्हें सीधे तौर पर सुरक्षा ख़ामियों के लिए ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.

7 साल के मासूम प्रद्युम्न की हत्या के करीब एक महीने बाद, रायन इंटरनेशनल स्कूल की निलंबित प्रिंसिपल नीरजा बत्रा को स्कूल के गुड़गांव सेक्टर-40 ब्रांच में शिफ़्ट कर, उन्हें अाध्यापिका की नौकरी दे गई है. मामले पर बात करते हुए गुरुग्राम के डिप्टी कमिश्नर विनय प्रताप सिंह ने बताया, ‘मैंने बत्रा के बारे में सभी पक्षों से बात की है, हमने उन्हें सेक्टर-40 स्थित स्कूल की शाखा में सेवा पर बहाल करने का फै़सला किया है. इसके साथ ही अगले तीन महीने तक मैं ही स्कूल का प्रशासक हूं.’
वहीं प्रद्युमन के पिता वरुण ने स्कूल प्रशासन के इस फ़ैसले पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा, ‘आप एक बेहद लापरवाह प्रिंसिपल को दोबारा नौकरी पर कैसे रख सकते हैं और फिर उनके निलंबन का क्या मतलब हुआ? वरुण आगे कहते हैं कि आप उनसे एक अाध्यापिका के तौर पर ज़िम्मेदारी पूरी करने की उम्मीद भी कैसे कर सकते हैं. आख़िरकार ये छात्रों की सुरक्षा का सवाल है.’

ग़ौरतलब है, बीते 8 सितबंर की सुबह रेयान इंटरनेशन स्कूल में पढ़ने वाले 7 साल के छात्र प्रद्युमन की बेरहमी से हत्या कर दी गई और हत्या के आरोप में आरोपी बस कंडक्टर अशोक कुमार को गिरफ़्तार कर लिया गया था. हलांकि, आरोपी अशोक ने बयान देते हुए कहा था कि उसने प्रद्युमन की हत्या नहीं की और उसे इस केस में मोहरा बना कर फंसाया जा रहा है.

वैसे प्रिंसिपल की बहाली से एक चीज़ तो साफ़ है कि इस केस के तार काफ़ी दूर-दूर तक फ़ैले हुए हैं, वरना एक महीने के अंदर ही आरोपी प्रिंसिपल को बहाल करने का कोई तुक नहीं बनता.