30 मई, 2019 को राष्ट्रपति भवन में जब बालासोर, ओडिशा के सांसद प्रताप चंद्र सारंगी ने शपथ ली तो पूरा राष्ट्रपति भवन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.

सारंगी के सादे जीवन के लिए सोशल मीडिया पर उन्हें ओडिशा का मोदी कहा जाने लगा. उनके सादे जीवन पर हर तरफ़ (और हमने भी) लेख छपने लगे. सारी रिपोर्ट्स में उन्हें एक फ़कीर और झोपड़े में जीवन व्यतीत करने वाला बताया गया.

इन्हीं रिपोर्ट्स में से BBC की रिपोर्ट्स पर भी नज़र पड़ी. BBC ने सारंगी के विवादित जीवन के बारे में लेख छापा था.

लंबे अरसे तक चली जांच के बाद 2003 में दारा सिंह (जिसके बजरंग दल से संपर्क थे) और 12 अन्य लोगों को दोषी पाया गया. 2 साल बाद ओडिशा हाई कोर्ट ने दारा सिंह की मौत की सज़ा ख़ारिज कर दी. कोर्ट ने बाकी दोषियों को भी ‘सबूत के अभाव’ में छोड़ दिया.

Huffington Post की रिपोर्ट के अनुसार, 2002 में ओडिशा असेंबली में हुए हमलों के शक़ में सारंगी को 66 अन्य लोगों के साथ गिरफ़्तार किया गया था. सारंगी के एफ़िडेविट के अनुसार उनके ख़िलाफ़ 10 केस थे, पर उन्हें किसी में भी दोषी नहीं पाया गया.

सारंगी को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और पशुपालन, डेयरी एवं मछली पालन विभाग का राज्य मंत्री बनाया गया है.