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दरअसल, जेल में बंद क़ैदियों को काम करना पड़ता है. इसके बदले उन्हें कुछ पारिश्रमिक भी मिलता है. सिद्धू को भी बतौर क्लर्क जेल में अपने दिन गुज़ारने होंगे. मगर सवाल ये है कि आख़िर ये कैसे डिसाइड होता है किस क़ैदी को कौन सा काम मिलेगा और उनका पारिश्रमिक कितना होगा?
3 कैटेगरी में बंटे हैं जेल के काम
जेल में बंद क़ैदियों को कुछ न कुछ काम करना होता है. इस दौरान कुछ क़ैदी काम अपनी मर्ज़ी से करते हैं, तो कुछ की सज़ा में ही इसे शामिल किया जाता है, जिसे साश्रम कारावास कहते हैं. इसके बदले उन्हें पारिश्रमिक (Prisoners Wages) भी मिलता है.
Prisoners Wages in Jail
जेल में काम को 3 कैटेगरी में बांटा जाता है. स्किल्ड, सेमी स्किल्ड और अनस्किल्ड. अब इसका आधार उनकी शिक्षा और हुनर ही होता है. मसलन, अगर किसी को टेलरिंग का काम आता है, तो वो स्किल्ड कैटेगरी में आएगा. वैसे ही, कोई खेती का काम जानता है, तो उसे सेमीस्किल्ड कैटेगरी में जगह मिलेगी. अनस्किल्ड क़ैदियों से साफ़-सफ़ाई वगैरह करवा ली जाती है.
Prisoners Wages in Jail
Prisoners Wages in Jail (कितना मिलता है क़ैदियों को पारिश्रमिक)
क़ैदियों का पारिश्रमिक हर राज्य में बदलता रहता है. मसलन, नवजोत सिंह सिद्धू इस वक़्त पटियाला सेंट्रल जेल में बंद हैं. बतौर क्लर्क यहां उन्हें 40 से 90 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से दिया जाएगा. हालांकि, 3 महीने तक उनकी ट्रेनिंग चलेगी. जेल नियमावली के अनुसार, सिद्धू को पहले 90 दिनों तक भुगतान नहीं किया जाएगा.
रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा जारी किए गए 2015 के जेल आंकड़ों के अनुसार, पुडुचेरी ने स्किल्ड, सेमीस्किल्ड और अनस्किल्ड क़ैदियों को क्रमशः 180 रुपये, 160 रुपये और 150 रुपये प्रति दिन मज़दूरी मिलती है. ये अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज़्यादा है. इसके बाद दिल्ली का तिहाड़ जेल है, जहां क्रमश: 171, 138 और 107 रुपये दिए जाते हैं. इसके बाद बिहार में 156, 112 और 103 रुपये पारिश्रमिक है. इसी तरह राजस्थान में 150 रुपये से लेकर 130 रुपये तक पारिश्रमिक मिलता है.
Prisoners Wages in Jail
सबसे कम पारिश्रमिक मणिपुर और मिजोरम जैसे राज्यों में मिलता है, जो क़ैदियों को प्रति दिन 12 रुपये से लेकर 15 रुपये तक का भुगतान करते हैं. पश्चिम बंगाल में स्किल्ड क़ैदियों को 35 रुपये, 30 रुपये सेमीस्किल्ड को और 26 रुपये अनस्किल्ड क़ैदियों को मिलता है. जबकि छत्तीसगढ़ में 30 रुपये से लेकर 26 रुपये तक मिलते हैं. वहीं, मध्य प्रदेश में क़ैदियों का पारिश्रमिक 55 रुपये से लेकर 50 रुपये तक है. उत्तर प्रदेश की जेलों में भी बंदियों को क़रीब 40, 30 और 25 रुपये भुगतान किया जाता है.