मां तुम हमें अकेले छोड़ कर कहां चली गई हो? क्या तुम्हे नहीं पता कि हमारे साथ क्या हो रहा है? कुछ इसी तरह के वाक्य आपको मध्य प्रदेश के देवास के एक घर में देखने को मिल जाएंगे. ये कोई जागरुकता अभियान नहीं है, बल्कि दो मजबूर बेटियों का दर्द है. एक 9 साल की है और दूसरी 11 साल की.

ये सिर्फ़ एक कहानी नहीं, बल्कि एक दर्द है, जिन्हें दो मासूम बच्चियां जी रहीं थीं. मामला कुछ इस तरह से है.

गुड़िया (बदला हुआ नाम) जब तीन साल की थी, तो उसकी मां की शादी एक शख़्स से हुई. शादी के बाद वो गुड़िया को डांटता था, मगर इसका असर उस पर कभी नहीं पड़ा क्योंकि उस समय उसकी मां उसे बचा लेती थी. लेकिन 5 महीने पहले गुड़िया की मां की मृत्यु हो गई. ऐसे में उसके सौतेले पिता ने उसके साथ गाली-गलौज शुरु कर दी. इतना ही नहीं, उसके साथ कई बार रेप करने की भी कोशिश की. मगर गुड़िया अपने आप को बचा लेती थी.

गुड़िया चाहती तो भाग भी जाती, मगर अपनी 9 साल की बहन को छोड़कर वो कहीं नहीं जाना चाहती थी. अपने पिता की क्रूरता के बारे में उसने अपने घरवालों, रिश्तेदारों से कई बार कहा भी, मगर कभी किसी ने ग़ौर नहीं किया.

ख़ुद को अपने पिता से बचाने के लिए शरीर के ऊपर 5 तह के कपड़े पहन लेती थी और दुप्पटे भी रखने लगी, मगर सौतेले पिता की बुरी नज़र हमेशा उसके ऊपर रही. कहीं से मदद की आस नहीं मिली तो उसके दिमाग में एक आइडिया आया. वो घर की बाहरी दीवारों पर अपने ऊपर हो रहे जुल्मों के बारे में लिखने लगी. अचानक ही उस पर एक आदमी की नज़र पड़ी, तो उसने एक NGO को कॉल कर दिया.

NGO ने दोनों बच्चियों को अपने पास बुला लिया और पिता के ऊपर केस कर दिया. पुलिस ने उसके सौतेले बाप को गिरफ्तार कर लिया है.

दरअसल, पिछले 5 महीने से दो बच्चियों की स्थिति नर्क जैसी बनी हुई थी. उनका सौतेला बाप उन्हें भद्दी गालियां देता था, पीटता था और शारीरिक छेड़छाड़ भी करता था.

पूरे मामले पर पुलिस कहती है कि सौतेला बाप दोनों लड़कियों को ख़ूब सताता था. वो गुड़िया से शारीरिक संबंध बनाने को कहता था. वो कहता था कि आख़िरकार तुम कभी न कभी किसी के साथ संबंध बनाओगी ही, तो मेरे साथ बनाने में क्या दिक्कत है?

पुलिस ने उसे गिरफ़्तार कर लिया है. पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है. सोचने वाली बात ये है कि क्या इस कलयुग में कोई इंसानीयत नहीं बची है. जब रक्षक ही भक्षक बन जाएंगे, तो फिर इस समाज का क्या होगा?