अमेरिका में अश्वेत शख़्स जॉर्ज फ़्लॉयड की मौत को लेकर जमकर प्रदर्शन हो रहे हैं. अमरीका के मिनेसोटा राज्य में पुलिस के हाथों मारे गए जॉर्ज की मौत के बाद वॉशिंगटन में पिछले 6 दिन से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस दौरान राजधानी वॉशिंगटन डीसी समेत 40 शहरों में कर्फ़्यू लगा दिया गया है.
रविवार को व्हाइट हाउस के बाहर प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाकर्मियों से जमकर झड़प हुई. शुक्रवार को पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए. व्हाइट हाउस के सामने प्रदर्शनों के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को कुछ देर के लिए अंडरग्राउंड बंकर में ले जाना पड़ा था.
न्यूज चैनल सीएनएन के मुताबिक, कोरोना संकट के बीच वॉशिंगटन समेत अमेरिका के 15 शहरों में क़रीब 5000 नेशनल गार्ड्स की तैनाती कर दी गई है. ज़रूरत पड़ने पर 2000 गार्ड्स को मुस्तैद रहने को भी कहा गया है.
इस मामले में 44 वर्षीय पुलिस कर्मी डेरेक शैविन पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है. सोमवार को डेरेक को अदालत में पेश किया जाएगा.
क्या है पूरा मामला?
शिक़ायत मिलने के कुछ समय बाद दो पुलिसवाले दुकान पर पहुंचे. दुर्भाग्य से उस दौरान जॉर्ज दो अन्य लोगों के साथ किनारे खड़ी गाड़ी में बैठा हुआ था. इसके बाद उनमें से एक पुलिस अधिकारी ने कार की ओर बढ़ते हुए जॉर्ज को कार से बाहर खींचकर हथकड़ी लगा दी. जब जॉर्ज ने विरोध किया तो पुलिस ने उसे जाली नोट के इस्तेमाल को लेकर गिरफ़्तार कर लिया.
वायरल वीडियो में आया सच सामने
बताया जा रहा है कि इस दौरान पुलिसवाले ने अपने घुटने से जॉर्ज की गर्दन को क़रीब 8 मिनट तक दबाए रखी. पुलिस ने 46 वर्षीय जॉर्ज जॉर्ज फ़्लॉयड को 26 मई को गिरफ़्तार किया गया था.