7 फरवरी 2021 को उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटा और तबाही का ख़ौफ़नाक मंज़र हमारे सामने आये. प्रकृति ने एक बार साबित किया कि वो ज़्यादा छेड़-छाड़ बर्दाशत नहीं करेगी.
उत्तराखंड के चमोली में चल रहा रिलीफ़ और रेस्क्यू ऑपरेशन को लीड कर रही हैं चार महिलाएं. Times of India की रिपोर्ट के अनुसार, चमोली ज़िलाधिकारी स्वाति भदोरिया, आईटीबीपी डीआईजी अपर्ना कुमार, डाआईजी गढ़वाल रेंज नीरू गर्ग और एसडीआरएफ़ डाआईजी रिद्धिम अग्रवाल के नेतृत्व में रेस्क्यू और रिलीफ़ कार्य चल रहा है.
आपदा स्थल पर कैंपिंग, कन्ट्रोल रूम सेट अप, रिलीफ़ मैटिरियल वितरण से लेकर परिजनों को संभालने तक इन महिलाओं के नेतृत्व में ही हो रहा है.
डीएम स्वाति भदोरिया के बारे में कुछ बातें
2011 बैच की आईएएस अफ़सर भदोरिया के लिए ग्लेशियर फटने के बाद का रेस्क्यू कार्य पहला अनुभव है. Times of India से बात-चीत में उन्होंने बताया कि ये उनके लिए एक बड़ा चैलेंज था.
कॉर्डिनेट करना, कन्ट्रोल रूम सेट करना, परिजनों से मिलकर ढांढस बंधाना, रिलीफ़ और रेस्क्यू कार्य जारी रखना, बिजली वापस चालू करना, फ़ूड पैकेट वितरण और गुमशुदा लोगों की लिस्ट बनाना बड़ा चैलेंज था.
-डीएम स्वाति भदोरिया
पहले तीन दिन तक डीएम भदोरिया ने तपोवन में ही कैम्प लगाया और उनका 3 वर्षीय बेटा गोपेश्वर स्थित उनके ऑफ़िशियल रेसिडेंस पर रहा. तीन दिन बाद उन्होंने अपने बेटे को बुला लिया और वो भी कैम्पिंग साइट पर रहने लगा. इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी को कहीं और रहकर संभालना डीएम भदोरिया को ठीक नहीं लगा.
डीआईजी नीरू गर्ग के बारे में कुछ बातें
2005 बैच की आईपीएस अफ़सर हैं गढ़वाल रैंज डीआईजी नीरू गर्ग. डीआईजी गर्ग ने तपोवन और रैनी क्षेत्रों में पुलिस ऑपरेशन्स का नेतृत्व किया है. डीआईजी गर्ग की 9 वर्षीय बेटी हरिद्वार में परिक्षाएं लिख रही थी और वो ग़ुमशुदा लोगों की तलाश में लगी थी.
आईटीबीपी टीम की आईपीएस अपर्णा कुमार के बारे में कुछ बातें
2002 बैच की आईपीएस अफ़सर अपर्ना कुमार आईटीबीपी टीम का नेतृत्व कर रही हैं. New Indian Express की रिपोर्ट के अनुसार, आईपीएस कुमार पहली महिला आईटीबीपी अफ़सर हैं और 2019 में उन्होंने दक्षिणी ध्रुव पर फ़तह हासिल की. अपर्णा कुमार ने Seven Summit Challenge पूरा किया है. उन्होंने सातों महाद्वीपों के सबसे ऊंचे शिखरों की चढ़ाई की है.
आईपीएस रिद्धिम अग्रवाल के बारे में कुछ बातें
एसडीआरएफ़ टीम को लीड कर रही हैं 2002 बैच आईपीएस अफ़सर रिद्धिम अग्रवाल. एसडीआरएफ़ की टीम मौक़े पर पहुंचने वाली पहली टीम है. इस टीम के सदस्यों ने रैनी गांव की झील का निरीक्षण किया, ट्रेकिंग करके जगह का जायज़ा भी लिया.
निजी तौर पर कुछ चैलेंज थे लेकिन हमारा फ़ोकस लोगों की जान बचाना और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रखना है. एसडीआरएफ़ की टीम मौके पर पहुंचने वाली पहली टीम थी और मेरा काम था दूसरे एजेंसियों के साथ सामंजस्य बैठाकर काम करना. पहले भी चमोली समते अलग स्थानों पर एसडीआरएफ़ ने रेस्क्यू ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई है.
-आईपीएस रिद्धिम अग्रवाल
एसडीएम कुमकुम जोशी भी चमोली डीएम भदोरिया की रेस्क्यू कार्यों में मदद कर रही है.