सालों से महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव को ख़त्म करते हुए पंजाब विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर अकाल तख़्त और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) से कहा कि स्वर्ण मंदिर के गर्भगृह में महिलाएं को कीर्तन गाने की इजाज़त दी जाए.


रिपोर्ट्स के मुताबिक़, राज्य मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा द्वारा ये प्रस्ताव लाया गया. बाजवा ने कहा कि गुरु नानक देव आजीवन असमानता के ख़िलाफ़ लड़ते रहे और महिलाओं के ख़िलाफ़ इस भेदभाव का अंत होना चाहिए.  

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सिख इतिहास में महिलाओं के ख़िलाफ़ भेदभाव का कहीं ज़िक्र नहीं है पर महिलाओं को अब तक कीर्तन सेवा करने नहीं दिया जाता. अभी सिर्फ़ सिख पुरुष ही स्वर्ण मंदिर में कीर्तन गाते हैं. 

-तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा

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अकाली नेता का दावा था कि ‘रेहत मर्यादा’ के अनुसार महिलाएं ‘दरबार साहिब’ में कीर्तन नहीं कर सकतीं, जिसे बाजवा ने ख़ारिज किया.


2005 में अकाली नेता बीबी जागीर कौर ने भी स्वर्ण मंदिर में महिलाओं को कीर्तन गाने का हक़ दिलाने की बात की थी.