अगर आप कुत्ते, बिल्ली या कोई पालतू जानवर पालने के शौक़ीन हैं, तो अब अपनी जेब को थोड़ा ढीला छोड़ दीजिये. क्योंकि इन्हें पालने के लिए अब आपको टैक्स देना पड़ सकता है. इकोनॉमिक्स टाइम्स की ख़बर के मुताबिक, इन दिनों पंजाब में इस मुद्दे पर जम कर बहस छिड़ी हुई है. दरअसल कुछ महीनों पहले पंजाब के समाना जिले में एक व्यक्ति को कुत्ते के काटने का मामला सामना आया था. सड़क पर आवारा कुत्तों के कहर को ले कर व्यक्ति ने मुआवजे की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसके बाद मामले की सुनवाई करते हुए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने नगर निगम से जवाब मांगा. इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार से पशुओं द्वारा लोगों को नुकसान पहुंचाने पर मुआवजे को ले कर निगम की पॉलिसी के बारे में पूछा.
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इस बाबत सरकार की तरफ़ से नोटिफ़िकेशन भी ज़ारी किया है, जिस पर राज्य सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का कहना है कि ‘सरकार की तरफ़ से कोई नया टैक्स नहीं लगाया जा रहा है, बल्कि नगर निगम एक्ट 1976 के अनुसार यह प्रावधान पहले से ही है कि निगमों की सीमा के अंदर पालतू पशुओं को पालने के लिए संबंधित निगम में उसका पंजीकरण कराया जाए.’ नवजोत ने आगे बताया कि ‘कोर्ट के आदेश के बाद अभी इस बाबत केवल पॉलिसी तैयार की गई है, जिसे लेकर विपक्ष द्वारा लोगों को गुमराह किया जा रहा है.’
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ख़ैर यदि सरकार के नोटिफ़िकेशन की माने, तो कुत्ता-बिल्ली, सुअर, बकरी और भेड़ जैसे जानवरों को पालने के लिए 200 से 250 रुपये तक का पंजीकरण शुल्क देना होगा. इसके अलावा बड़े जानवर गाय-भैंस, ऊंट-घोड़ा और हाथी जैसे पशु पालने पर 500 रुपये देने होंगे. इसके साथ ही पंजीकरण को हर साल रेवेन्यू करना होगा. पंजीकरण होने पर पशु के गले में एक पट्टा डाला जायेगा, जिस पर उसका पंजीकरण नंबर लिखा होगा. ये पट्टा हमेशा जानवर के गले में डाल कर रखना होगा, जिससे किसी भी समय उसके मालिक की पहचान हो सके.