दुख की बात है कि मुसीबत की घड़ी में भी देश में नस्लवादी हमले हो रहे हैं. ताज़ा मामला गुरुग्राम के फ़ाजिलपुर झरसा से सामने आया है, जहां एक मणिपुर की रहने वाली लड़की पर नस्लवादी हमला किया गया. तीन लोगों ने मिल कर पहले तो लड़की से काफ़ी बद्तमीज़ी की. इसके बाद उसके साथ मारपीट भी की. 

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रिपोर्ट के अनुसार, 10 मई को 20 वर्षीय Chong Hoi Misao किसी दोस्त से मिलकर घर लौट रही थी. तभी एक बुज़ुर्ग महिला ने उसे रोका और कहा वो वहां से नहीं जा सकती है, क्योंकि वो उसकी निज़ी संपत्ति है. इतना सब होते हुए देख भी Misao ने महिला से विनम्रता से बात करने का निवेदन किया. पर महिला नहीं रुकी और उसे कोरोना कहकर बुलाने लगी. वहीं जब Misao ने मामले को पुलिस तक पहुंचाने की बात की, तो महिला ने दावा किया कि पुलिस भी उसके साथ है. 

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इसके बाद महिला और उसके परिवारवालों ने Misao के साथ मार-पीट शुरू कर दी. जिसके चलते Misao जगह पर ही बेहोश हो गई. Misao को बेहोश देख कुछ स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी. Misao की कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिसमें उसके शरीर पर चोट के निशान देखे जा सकते हैं. खैर… इतना ज़ुल्म सहने के बाद Misao ने पुलिस से मदद की उम्मीद की थी, लेकिन पुलिस ने उसकी मदद करने के बजाये उसे समझौता करने की सलाह दी. इसके बाद उसने North East Support Centre & Helpline पर कॉल की. 

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NESCH के सदस्यों ने जल्द से जल्द उस तक पहुंच कर DCP से संपर्क किया. इसके साथ ही Misao की मदद की भी मांग की. इसके साथ ही Misao को तुरंत अस्पताल पहुंचा कर, महिला अधिकारी द्वारा उसका बयान दर्ज किया गया. NESCH के सदस्य का कहना है कि बहुत अधिक रात हो जाने के कारण वो अपने घर जाने में डर रही थी. इसलिये वो लोग उसे अपने सेफ़ हाउस शेल्टर ले गये. 

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वहीं अगले दिन पता चला कि हमला करने वालों पर अधूरी धाराएं लगाई गईं हैं. इसके बाद वो लोग तुंरत पुलिस स्टेशन पहुंचे. इसके बाद आरोपियों पर धारा 323, धारा 34, धारा 341 और SC/ST अत्याचार के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया. फिलहाल Misao का इलाज चल रहा है और वो सीटी स्कैन की रिपोर्ट का इंतज़ार कर रही है. 

काफ़ी ग़लत है यार… हम इंसानियत नहीं भूल सकते, वो हमारे देश के ही नागरिक हैं, हम ये क्यों भूल जाते हैं. 

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