महात्मा गांधी के पांचवे बेटे के परपोते परिवार का मोटरसाइकिल व्यापार संभालते हुए अरबपति बन गए हैं. उन्हें अरबपति बनाने में उनके अंकल के कारोबार बजाज ऑटो का हाथ रहा है.

Bloomberg की अरबपतियों की सूची के अनुसार, अनुरंग जैन के पास 1.1 अरब डॉलर की संपत्ति है. वहीं उनके भाई तरंग की संपत्ति की कीमत 1.1 अरब डॉलर बताई गयी है.

78 वर्षीय राहुल बजाज ने कहा, “बजाज ऑटो ने हमेशा बेहतर गुणवत्ता और कम लागत पर ज़ोर दिया है, यही उनकी सफ़लता का कारण है.”

बजाज पुराने दिन याद करते हुए कहते हैं कि गांधी जी की गोद में बैठना और आश्रम में कुआं खोदना उन्हें अब भी याद है. जब वो किशोर थे, तब ही उन्हें एहसास हो गया था कि अहिंसा की राजनीति के पीछे भी कहीं न कहीं सफ़लता की तलाश ही थी.

एक इंटरव्यू के दौरान बजाज ने कहा था, “जब बच्चे छोटे होते हैं, तो पुलिस में जाने के बारे में या पायलट बनने के बारे में सोचते हैं, लेकिन मैंने कभी किसी और चीज़ के बारे में नहीं सोचा. मेरे दिमाग में सिर्फ़ बिज़नेस ही था.”

बजाज ने आज खुद को भारत के मोटर इंडस्ट्री के गुरु के रूप में स्थापित कर लिया है. वो दुनिया के सबसे अमीर 500 लोगों की सूची में 433वें स्थान पर आते हैं.

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बजाज ऑटो को राहुल के पिता ने शुरू किया था और 2005 से इसे उनके बेटे संभाल रहे हैं. बजाज ऑटो मोटरसाइकिल और तीन पहिया वाहनों का भारत का सबसे बड़ा निर्यातक है. ये कंपनी बजाज ग्रुप का हिस्सा है. वहीं Varroc भारत का नंबर 1 मोटर साइकिल पार्ट्स सप्लायर है.

जमनालाल बजाज द्वारा बजाज ग्रुप 1926 में स्थापित किया गया था. आज बजाज ऑटो का कारोबार कोलंबिया, श्रीलंका और नाइजीरिया में भी फैल चुका है.