रेलवे पुलिस ने 1150 बच्चों को बचाने का जो नेक काम किया है, उसमें आर.पी.एफ़. की रेखा मिश्रा का अहम योगदान रहा है. मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर तैनात रेखा ने स्टेशन पर गुम हो चुके कई बच्चों को बचाया है.

इलाहाबाद की 32 वर्षीय रेखा मिश्रा कहती हैं कि उन्हें हमेशा से बड़ों का सम्मान करना और बच्चों की रक्षा करना सिखाया गया है. इसलिए वो इस काम को पूरी तन्मयता से करती हैं. रेखा बहुत ही परिश्रमी हैं और हर दिन 12 घंटे की शिफ़्ट करती हैं.

रेखा बताती हैं कि इस काम में उन्हें बहुत ही संवेदनशीलता से पेश आना होता है. बच्चों को आप पर भरोसा होना चाहिए. उनमें से कुछ घर छोड़कर भागे होते हैं, तो किसी का यौन शोषण हुआ होता है. इन्हें मदद की ज़रुरत होती है. वे कोई अपराधी नहीं होते, बल्कि पीड़ित होते हैं.

रेखा एक एथलीट भी हैं, वो RPF की तरफ़ से राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेती हैं. रेखा के नाम और भी कई उपलब्धियां हैं, उन्होंने टिकट घोटाले का भी पर्दाफ़ाश किया है. उनके काम को देखते हुए, उनका नाम अवॉर्ड के लिए आगे बढ़ाए जाने की बात हो रही है.

Source: Indiatimes