भारतीय रेलवे, यात्रियों के सफ़र को वर्ल्ड क्लास बनाने के लिए 40,000 कोचों के कायाकल्प की योजना बना रहा है. इस योजना पर करीब 8000 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान लगाया जा रहा है.

इस योजना के तहत बायोटॉयलेट्स, बेहतर सीटें और पंखों के अलावा कोच के इंटीरियर में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा ट्रेनों की सिक्योरिटी सिस्टम को भी अपडेट करने पर फ़ोकस किया जा रहा है. कोच के सेंटर बफ़लर कप्लर्स (सीबीसी‌) को मज़बूत कप्लर सिस्टम से बदला जाएगा. रेल मंत्रालय ने इस योजना को अगले 5 सालों में पूरा करने का लक्ष्य रखा है.

मंत्रालय पुराने रेलवे कोचों में बदलाव के साथ-साथ नए रेलवे कोच बनाने पर भी विचार कर रही है. रेलवे के मुताबिक, एक कोच पर 30 लाख रुपये खर्च होंगे.

गौरतलब है कि इस साल 1000 कोचेज़ को बदलने की तैयारी की जा रही है, जिसे अगले साल बढ़ाकर 3000 कर दिया जाएगा. इसके बाद हर साल 5500 कोचेज़ को इस प्लान के तहत लाया जाएगा. 2023 तक 15000 नए कोच बनाए जाएंगे और इन सभी कोचों को पूरी तरह से मॉडर्न और एडवांस्ड बनाया जाएगा.