बॉलीवुड फ़िल्मों में आपने देखा होगा कि अपनी मां के सपने को पूरा करने के लिए हीरो जी-जान से मेहनत करता है. असल ज़िंदगी में भी ऐसी कई कहानियां और किस्से अकसर देखने और सुनने को मिल ही जाते हैं.

पर इस बार जो किस्सा हम आपके लिए ले कर आये हैं, वो छत्तीसगढ़ के कोरिया ज़िले के एक छोटे से गांव का है, जहां दो लड़कियों ने अपनी मां की खातिर घर के बगल में ही कुआं खोद डाला. ख़बरों के मुताबिक मनेंद्रगढ़ तहसील के कछौड़ गांव में दो बहने शांति और विज्ञांति अपने परिवार के साथ रहती हैं. उनके पिता अमर सिंह गोंड़ मजदूरी का काम करते हैं, जबकि उनकी मां जुकमुल घर का काम संभालती हैं.

घर के रोज़ाना के कामों को पूरा करने के लिए जुकमुल को दो किलोमीटर दूर पैदल चल कर पानी लाना पड़ता था, जिसे देख कर शांति और विज्ञांति बहुत दुखी होती थीं. अपनी मां को पानी की इस समस्या से निजात दिलाने के लिए दोनों बहनों ने घर के पास ही कुआं खोदने का बीड़ा उठाया.

शुरू में लोगों को ये बस एक पागलपन लगा, पर दोनों बहनों के इरादे देख कर गांव के अन्य लोग भी सहयोग के लिए आगे आने लगे, जिनकी मदद से आख़िरकार धरती ने अपनी बाहें पानी के लिए खोल दी. इस कुएं के आने से सिर्फ़ शांति और विज्ञांति की मां ही नहीं, बल्कि सारा गांव खुश है और दोनों लड़कियों के मजबूत इरादों की तारीफ़ कर रहा है.