दशरथ मांझी का नाम, तो आपको याद ही होगा. वही दशरथ मांझी, जिन्होंने पहाड़ को अकेले काट कर एक रास्ता बना दिया था. हां यही दशरथ मांझी, जिनके नाम पर ‘Manjhi – The Mountain Man’ फ़िल्म भी बन चुकी है. मांझी भले ही बिहार के रहने वाले थे, पर ऐसे ही एक मांझी हमें महाराष्ट्र में भी मिले. इस शख़्स का नाम राजाराम भापकर गुरुजी है, जो 85 के हैं. राजाराम ने 57 सालों के दौरान अपनी सारी पूंजी खर्च करके सात बार पहाड़ को काट कर अपने गांव के लिए 40 किलोमीटर लम्बी सड़क बनाई. उनके इस काम के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया जा चुका है. गांव के लोग राजाराम के इस काम के लिए उन्हें प्यार से गुरु जी कहते हैं.

गुरु जी के लिए ये सब इतना आसान नहीं था, जितनी आसानी से हम उनकी कहानी पढ़ रहे हैं. जिस समय देश आज़ाद हुआ अहमदनगर के गुंडेगांव में सड़क के नाम पर उनके पास एक पगडंडी भी नहीं थी. उस समय भी गुरु जी ने 1957 के आस-पास कोलेगांव के स्कूल में काम किया. स्कूल पहुंचने के लिए लोगों को तीन गांवों का चक्कर लगाना पड़ता था, जिसकी वजह से बच्चे भी बुनियादी शिक्षा से दूर होने लगे थे.

ग्राम पंचायत से ले कर खुद गांव के लोग कई बार सरकारी दफ़्तरों में सड़क बनाने का प्रस्ताव ले कर गए, पर 700 मीटर ऊंची पहाड़ी को देख कर ये प्रोजेक्ट हमेशा से ठंडे बस्ते में पड़ा रहा. आख़िरकार दफ़्तरों के चक्कर लगा-लगा कर थकने के बाद गुरु जी ने इस काम को अपने हाथों में लिया.

काम की शुरुआत में लोगों को कोलेगांव पहुंचने के लिए देउलगांव से हो कर आना पड़ता था, जिसकी वजह से ये सफ़र करीब 29 किलोमीटर के आस-पास का होता था. गुरु जी ने पहाड़ को काटकर कच्चा रास्ता बनाया, तो इससे यह दूरी घट कर 10 किलोमीटर रह गई. इस काम में मदद कर रहे मजदूरों को गुरु जी ने अपनी कमाई से उनका वेतन दिया. तंगी के दौर में भी गुरु जी ने अपनी सैलरी का आधा हिस्सा सड़क पर खर्च कर रहे थे. 1991 में जब गुरु रिटायर हुए, तो उस वक़्त मिले पैसों को भी उन्होंने सड़क निर्माण में लगा दिया. सड़क बनाने में जब पैसे कम पड़ने लगे, तो गुरु जी अपनी पेंशन भी देने से पीछे नहीं हटे. आज उन्हीं की कोशिशों का फल है कि जिस रास्ते पर 1968 में एक साइकिल तक ढंग से नहीं चल पाती थी. आज वहां से बड़ी-बड़ी गाड़ियां भी आराम से गुज़र रही है.

बीते कुछ दिनों से गुरु जी ने शराब माफ़ियाओं के ख़िलाफ़ अभियान छेड़ा हुआ है, जिसकी वजह से उनके ही गांव के कुछ दबंग उनसे चिढ़े हुए हैं. इस चिढ़ का आलम ये कि कुछ दिन पहले कुछ गुंडों ने गुरु जी पर हमला तक कर दिया. इस बाबत गुरु जी ने पुलिस में शिकायत भी की, पर एक आरोपी को गिरफ़्तार करने के बाद पुलिस ने मामला रफ़ा-दफ़ा कर दिया. जान के खतरे को देखते हुए गुरुजी पुलिस प्रोटेक्शन की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि अगर प्रोटेक्शन नहीं मिला, तो गांव को छोड़ कर चले जायेंगे.