जब से कोरोना महामारी ने दुनिया में दस्तक दी है हर क्षेत्र उससे प्रभावित हुआ है. स्वास्थ्य सेवा से लेकर स्कूल-कॉलेज तक. सारी व्यवस्था चरमरा सी गई है. बच्चों और उनकी पढ़ाई पर भी इसका प्रभाव पड़ रहा है.
बंद पड़े स्कूल-कॉलेज के पास पढ़ाने का अब बस एक मात्र साधन रह गया है, ऑनलाइन क्लास. जहां हर राज्य की सरकारें इस बात को बोल रही हैं की बच्चों तक सभी तरह की व्यवस्था पहुंचाई जा रही हैं, पढ़ाई सुचारु रूप से चल रही हैं ऐसे में ज़मीनी हक़ीक़त कुछ और ही कहानी बता रही है.
कहीं ऑनलाइन क्लास के लिए एक वर्ग ख़र्च नहीं उठा सकता तो कहीं गांव में इंटरनेट की कोई सुविधा ही नहीं है.
ऐसा ही कुछ राजस्थान में देखने को मिला जहां एक बच्चे को सही इंटरनेट नेटवर्क के लिए हर रोज़ पहाड़ पर चढ़ना पड़ता है.
राजस्थान के बाड़मेर ज़िले के एक छोटे से गांव दरुरा में जवाहर नवोदय विद्यालय का छात्र, हरीश ने इंटरनेट के लिए नेटवर्क की तलाश में एक पहाड़ पर चढ़ना शुरू कर दिया ताकि वह ऑनलाइन कक्षाओं में भाग ले सकें.
हरीश के पिता, वीरमदेव ने बताया,
पिछले डेढ़ महीने से हरीश सुबह 8 बजे पहाड़ पर चढ़ता है और दोपहर 2 बजे कक्षा समाप्त होने के बाद घर लौटता है.
हरीश की तरह ऐसे कई अन्य बच्चे हैं जो नेटवर्क की खोज में पेड़ चढ़ रहे हैं तो कोई कई घंटों की साइकिल यात्रा कर एक गांव से दूसरे गांव जा रहे हैं.