झोलाछाप डॉक्टर्स के बारे में आपने ज़रूर सुना होगा. ये छोटे शहरों में बिना किसी डिग्री के प्रैक्टिस करते दिखाई दे जाते हैं. लेकिन किसी अस्पताल में बतौर डॉक्टर मरीज़ों का इलाज करते किसी ऐसे डॉक्टर के बारे में सुना है? तो आज जान लीजिए. राजस्थान में एक फ़र्ज़ी डॉक्टर पकड़ा गया है, जो पिछले कई सालों से बतौर सीनियर डॉक्टर काम कर रहा था. लेकिन एक मरीज़ की हालत बिगड़ने के बाद उसकी पोल खुल गई और पुलिस ने उसे गिरफ़्तार कर लिया.

ये पूरा मामला सीकर ज़िले के पलसाना इलाके का है. यहां एक प्राइवेट अस्पताल से पुलिस ने मानसिंह बघेल नाम के एक व्यक्ति को बिना लाइसेंस मेडिकल प्रेक्टिस करने के जुर्म में गिरफ़्तार किया है.
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी मानसिंह महज 12वीं पास है और पिछले 9 साल से मरीजों का इलाज कर रहा है. पुलिस ने बताया कि, आरोपी इतने सालों में करीब 90 हज़ार लोगों को इलाज के नाम पर ठग चुका है. वो मूल रूप से आगरा का रहने वाला है.

मानसिंह ने पुलिस को बताया कि उसे ट्रेन में किसी डॉक्टर की डिग्री मिली थी. उसी पर अपनी फ़ोटो चिपकाकर वो अस्पताल में नौकरी पाने में कामयाब हो गया था. वो सीकर के अस्पताल में पिछले पांच महीने से 1 लाख रुपये की सैलरी पर काम कर रहा था.
वो दिनभर में कई मरीज़ों को देखता था और गंभीर मरीज़ों को दूसरे अस्पताल रेफ़र कर देता था. लेकिन एक दिन उसके इलाज से एक पेशेंट की हालत गंभीर हो गई और उसकी पोल खुल गई. अस्पताल प्रशासन ने तुरंत पुलिस को कॉल कर उसे गिरफ़्तार करवा दिया.

मानसिंह ने पुलिस को बताया कि वो आगरा में भी बिना किसी डिग्री के प्रैक्टिस करता था. उसे 5 साल पहले मथुरा जाते समय ट्रेन में डाॅक्टर मनाेज कुमार की डिग्री पड़ी मिली थी. इसकी मदद से उसने एक फ़र्ज़ी पहचान पत्र भी बनवा लिया था. पुलिस का कहना है कि उसके दो छोटे भाई आगरा में मेडिकल शॉप चलाते हैं. पुलिस ने उसके ख़िलाफ़ धारा 420, 467 और 468 के तहत केस दर्ज़ कर लिया है.
इस झोलाछाप डॉक्टर ने न जाने कितने मरीज़ों की जान ख़तरे में डाल दी होगी? यहां पर अस्पताल प्रशासन की भी ग़लती है. उसे पूरी जांच पड़ताल के बाद ही किसी डॉक्टर को काम पर रखना चाहिए.