धर्म को राजनीति से जोड़ने का जो नया ट्रेंड भारतीय नेताओं ने शुरू किया है, उसमें एक और सनसनी योगी आदित्यनाथ ने जोड़ दी. राजस्थान के अलवर ज़िले में एक चुनावी रैली में योगी आदित्यनाथ ने ये कह दिया,
‘राम काज किन्हें बिना मोहि कहां विश्राम, हमारा संकल्प होना चाहिए, जब तक राष्ट्र का काज न हो तब तक विश्राम नहीं करेंगे. आप हमारे प्रत्याशी को जिताएं और हम आपके क्षेत्र का विकास करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.’
#WATCH: UP CM Yogi Adityanath says in Rajasthan’s Alwar, “Bajrangbali ek aise lok devta hain, jo swayam vanvasi hain, nirvasi hain, Dalit hain, vanchit hain. Bharatiya samudaye ko Uttar se leke Dakshin tak, purab se paschim tak, sabko jodne ka kaam Bajrangbali karte hain”.(27.11) pic.twitter.com/5AdyrmMXQN
— ANI (@ANI) November 29, 2018
योगी जी रामभक्त हैं, ये पूरी दुनिया जानती है. नवभारत टाइम्स के अनुसार, हनुमान जी को दलित कहने पर राजस्थान की ब्राह्म्ण सभा ने उन्हें क़ानूनी नोटिस भेज दिया है. इस ग्रुप की मांग है कि योगी जी 3 दिनों के अंदर अपने शब्दों के लिए माफ़ी मांगें. सर्व ब्राह्मण सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेश मिश्रा ने कहा,
बजरंगबली की पूजा हर जगह होती है. उनके प्रति हिंदू समाज की गहरी आस्था है. ऐसे में उन्हें दलित बताकर जातिगत सियासत का कार्ड खेलना बेहद शर्मनाक है. इससे हिन्दू समाज की भावनाएं आहत हुई हैं. योगी को माफ़ी मांगनी चाहिए.
योगी जी के बयान पर ट्विटर पर भी लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं ज़ाहिर की-
Bas unka Name change mat kardena..
— Anurag (@anuragteddy) November 29, 2018
instead of acting like a pro goverment they act like a pro Ministry of God affaris
— Ankit Shukla (@ankitshukla498) November 29, 2018
General – shree ram
Obc – krishan ji Sc/st – hanuman jiMuslim – ravan 🤣🤣🤣🤣4.5 saal me kya vikaas kia ha indian govt. ne.— Rahul Chopra (@chopraboss) November 29, 2018
Dalits and adivasis playing on Buddha’s statue. #Hanuman #YogiAdityanath pic.twitter.com/C5Q2us9AdZ
— dip (@dipankar56_) November 29, 2018
There is ALI in Bajrang B-ALI. You better change that name too.#YogiAdityanath #BJPWinningMP
— ردالفساد (@Durwaish110) November 25, 2018
लगता है एक-दूसरे पर कीचड़ उछाले बिना, विवादित बयान दिए बिना चुनाव प्रचार नहीं हो सकता. मध्य प्रदेश में एक-दूसरे की मिट्टी पलीद करने के कई उदाहरण देखने के बाद अब राजस्थान की धरती से भी कई बयान आने की उम्मीद है.
Feature Image Source: Patrika