HIV का नाम सुनते ही हमारे मन में घृणा और डर एक साथ आ जाते हैं. इसे हमारी जागरूकता का अभाव ही कहिये कि जब हमें पता चलता है कि कोई शख़्स इससे ग्रसित है, तो हम उससे बचने की कोशिश करते हैं.

पर मुंबई के रहने वाले Rajib Thomas की सोच बिलकुल हमारे उल्ट है, वो ऐसे बच्चों के लिए किसी सहारे से कम नहीं, जो HIV से ग्रसित होने की वजह से समाज द्वारा दुत्कार दिए गये हैं. बच्चों के बीच Rajib Thomas पापा रेजी के नाम से पहचाने जाते हैं.

44 वर्षीय Rajib Thomas और उनकी पत्नी Mini Reji अपने दो बायोलॉजिकल बच्चों और दो दर्जन HIV से ग्रसित बच्चों के साथ मुंबई के घर में रहते हैं. जहां Mini Reji सभी के लिए तीन वक़्त का खाना पकाने के साथ ही सभी बच्चों का ध्यान रखती हैं.

इन बच्चों के प्रति ऐसी संवेदना की वजह Rajib Thomas 2007 की उस घटना को बताते हैं, जब वो हॉस्पिटल में एक HIV पॉजिटिव बच्ची से मिले थे. बच्ची ने उनसे खाने के लिए नूडल्स मांगे थे. उस समय Rajib Thomas बच्ची से अगले दिन नूडल्स लाने का वादा करके चले आये थे, पर जब वो अगले दिन नूडल्स के साथ हॉस्पिटल पहुंचे, उन्हें पता चला कि बच्ची नहीं रही.

इस घटना ने Rajib Thomas को अंदर से झकझोड़ दिया और उनके मन में ऐसे बच्चों के लिए कुछ करने का ख़्याल आया.

इसके बाद उन्होंने HIV/AIDs स्पेशलिस्ट Divya Mithale से बात की, जिन्होंने Thomas के लिए दो ऐसे बच्चों को उपलब्ध कराया. 2009 में Thomas अपने इस नए परिवार के साथ एक बड़े घर में आ गये.

यहां उन्हें दोस्तों और अन्य लोगों का भी साथ मिला. कुछ लोगों ने खाना, कपड़े और चटाई के अलावा पैसे भी दान में दिए. आज उनके परिवार में सदस्यों की संख्या बढ़ कर 24 हो चुकी है.

इस बारे में मिनी कहती हैं कि हम कोशिश करते हैं कि सभी बच्चों को बराबर प्यार मिले. किसी के भी बीमार होने पर हम उन्हें जल्दी ही हॉस्पिटल ले जाते हैं.