केंद्रीय विश्वविद्यालयों के ऑडिट के बाद UGC पैनल ने कहा है कि AMU से ‘M’ और BHU से ‘H’ हटा दिया जाना चाहिए. पैनल के सदस्यों का कहना है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी धर्मनिरपेक्ष हैं, उनके नाम से भी ये ही झलकना चाहिए.
पैनल मेम्बर्स ने कहा है कि दोनों ही यूनिवर्सिटी धर्मनिरपेक्ष हैं, इसलिए ये कदम उठाया जाना चाहिए. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की फंडिंग भी केंद्र से ही होती है. इस ऑडिट में पॉन्डिचेरी विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, उत्तराखंड का हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, झारखंड का केंद्रीय विश्वविद्यालय, राजस्थान का केंद्रीय विश्वविद्यालय, जम्मू की सेंट्रल यूनिवर्सिटी, वर्धा का महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, त्रिपुरा विश्वविद्यालय और मध्य प्रदेश के हरि सिंह गौड़ विश्वविद्यालय जैसे विश्वविद्यालय शामिल थे.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/10/59db697419867e7c5f64f1e3_ce850b70-ee35-471f-9e4f-70e0e0dda557.jpg)
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और पॉन्डिचेरी यूनिवर्सिटी का इंस्पेक्शन IIT मद्रास के प्रोफ़ेसर Shripad Karmalkar, महर्षि दयानंद सरस्वती यूनिवर्सिटी के वीसी Kailash Sodani, गुवाहाटी यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर Mazhar Asif और IIM-Bangalore के प्रोफ़ेसर Sankarshan Basu ने किया था.
कमेटी ने सुझाव दिया है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का नाम बदल कर ‘अलीगढ़ यूनिवर्सिटी’ कर देना चाहिए या इसके संस्थापक Syed Ahmed Khan के नाम पर रख देना चाहिए.
कमेटी ने ये भी कहा कि AMU परिसर में गरीब मुस्लिमों के उत्थान के लिए भी कुछ कदम उठाये जाने चाहिये. AMU के कुलपति की चयन प्रक्रिया को अन्य केन्द्रीय विश्वविद्यालयों की तरह कर देना चाहिए. रिपोर्ट में यूनिवर्सिटी में पूर्व छात्रों को प्रोफ़ेसर के रूप में चयनित किये जाने को लेकर भी कहा गया है कि यूनिवर्सिटी से पढ़े किसी भी स्टूडेंट को शिक्षक बनाने से पहले कम से कम 5 साल का अंतर होना चाहिए. रिपोर्ट में ट्यूशन फ़ीस बढ़ाने का भी सुझाव दिया गया है.