ख़बरों से ख़बरदार रहने की ज़रूरत है. काहे कि बाहर का प्रदूषण भले ही कम हो गया हो, मगर न्यूज़ की नोज़ का विषैली हवा में अनुलोम-विलोम जारी है. यूं तो ये काम कई कर रहे हैं, लेकिन ताज़ा उदाहरण Republic TV का है!
दरअसल, सोशल मीडिया पर तगड़े से गंध मचाई जाती है. एक के बाद एक फ़ेक न्यूज़ दौड़ती हैं. यही लिए दुनिया को फ़ेक न्यूज़ के जाल से बचाने की ज़िम्मेदारी बड़े-बड़े मीडिया संस्थानों ने अपने हद से ज़्यादा नाज़ुक कंधों पर ले ली.
फिर हुआ वही, जिसका डर था. आए दिन रायता समेटने के चक्कर में अब ख़ुद ही रायता फैलाने लगे हैं. ख़ैर ज़्यादा ज्ञान न देते हुए आपको ये रायता चखाते हैं. सॉरी…सॉरी…सॉरी. मतलब न्यूज़ दिखाते हैं.
अब जित्ता इंतज़ार कभी ख़ुशी, कभी ग़म में जया बच्चन, शाहरूख ख़ान का नहीं करती थीं, उससे कई ग़ुना ज़्यादा ट्विटर पर ऐसी तफ़री के लिए चटिया जमी रहती है. फिर वही हुआ, जो होना था.
#RepublicTV trying to get infamous .. anything for TRPs isn’t it guys😂😆 https://t.co/5k5vCB6aMD
— Shashank Shekhar (@Shash043) April 8, 2020
@republic should first learn: how to clickbait. Or maybe it’s just to match the IQ level of their readers (and editors).#RepublicTV #dinosaurs #clickbait pic.twitter.com/GWwgLFtTp5
— Karan Kashyap (@karankashyap) April 8, 2020
Liberals trolled them so bad that they had to delete this tweet.
— History of India (@RealHistoryPic) April 7, 2020
Although this post of Republic TV was for their limited audience known as Bhakt. pic.twitter.com/aUErQDBcYk
So those images of dinosaurs in Bengaluru were not true?
— Nash David (@nashpd) April 7, 2020
UNESCO recognises Republic for committed journalism https://t.co/CslQ8zzzhX
— Tap (@TapTap_80) April 7, 2020
Relieved after this Fact-Check! I thought it’s Real ! #Bangalore https://t.co/Mibos5RFZy
— Mayukh Ranjan Ghosh (@mayukhrghosh) April 7, 2020
I have read it, but won’t give you the spoilers..
— N I T I N (@theNitinWalke) April 7, 2020
Khud padh k pata kar lo..
https://t.co/PdliMbiZdk
I am going with they are not https://t.co/W3V8ierEkF
— Arnab Ray (@greatbong) April 7, 2020
अब अगला फ़ैक्ट चेक आप लोग करिए. बताइए…
सारी बीच नारी है कि नारी बीच सारी है.