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The Hindu की रिपोर्ट के मुताबिक, 57 वर्षीय सनाउल्लाह ख़ुद बॉर्डर पुलिस यूनिट में एएसआई रह चुके हैं. बॉर्डर पुलिस अवैध प्रवासियों और संदिग्ध नागरिकों की पहचान कर उन्हें हिरासत में लेती है. सनाउल्लाह के अलावा 6 अन्य सेवानिवृत्त और पैरामिलिट्री जवानों को भी Foreigners’ Tribunal द्वारा नोटिस भेजा गया है.
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अजमल को भी Foreigners’ Tribunal की तरफ़ से नोटिस भेजा गया है. बाद में केस बंद कर दिया गया क्योंकि बॉर्डर पुलिस ने ग़लत ‘अजमल हक़’ को गिरफ़्तार कर लिया था.
सनाउल्लाह 1987 में सेना से जुड़े थे. सेना से रिटायर होने के बाद उन्होंने 2017 में बॉर्डर पुलिस Join की. एक Hearing के दौरान उन्होंने ग़लती से कह दिया कि उन्होंने 1978 में सेना Join की थी. इस ग़लती के आधार पर उन्हें विदेशी घोषित कर दिया गया और ये कहा गया कि 11 वर्ष की आयु में कोई सेना Join नहीं कर सकता.
-अजमल हक़
पिछले लोक सभा चुनाव में सनाउल्लाह ने भी मतदान किया था. Outlook की रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी बेटी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके पिता ने न्यायाधिकरण को अपने भारतीय होने के सभी सुबूत दे दिए हैं. सनाउल्लाह के परिवारवालों ने कहा कि वो न्यायाधिकरण के फ़ैसले के ख़िलाफ़ गुवाहाटी हाईकोर्ट में अपील करेंगे.