जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में स्टूडेंट्स को सम्बोधित करने के दौरान आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने सेक्सुएलिटी पर कुछ ऐसा कह दिया कि इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर उनकी ट्रोलिंग हो रही है और एक अच्छा-खासा विवाद छिड़ गया है.

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दरअसल, कार्यक्रम के दौरान स्टूडेंट्स द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए श्री श्री रविशंकर ने कहा था,

‘समलैंगिक होना एक प्रवृत्ति है जो हमेशा के लिए नहीं बनी रहती. मैं बहुत से ऐसे लोगों को जानता हूं जो पहले Gay थे, लेकिन अब नॉर्मल हैं. बहुत से ऐसे लोगों को भी जानता हूं जो पहले नॉर्मल थे, लेकिन अब समलैंगिक हो गए हैं.’

सोशल मीडिया पर रविशंकर के इस बयान के बाद से प्रतिक्रियाओं की बाढ़ सी आ गई है, कई बॉलीवुड सेलेब्रिटीज़ भी उनके इस बयान पर रीट्वीट कर रहे हैं. सोनम कपूर, आलिया भट्ट, ऋचा चड्ढा सहित कई लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. लेकिन नेशनल अवॉर्ड जीत चुकी अभिनेत्री सोनम कपूर ने श्री श्री रविशंकर के इस बयान पर कुछ इस तरह ट्वीट किया. वहीं आलिया भट्ट ने सोनम के ट्वीट का समर्थन करते हुए रीट्वीट किया.

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सोनम कपूर ने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए लिखा, होमोसेक्सुएलिटी कोई टेंडेंसी नहीं है, बल्कि ये जन्मजात होती है और ये बिल्कुल नॉर्मल है.

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इसके साथ ही सोनम में लिखा, आखिर धर्म गुरु की समस्या क्या है, अगर आपको हिंदुत्व और संस्कृति के बारे में कुछ सीखना हो तो बेहतर है इनकी जगह किसी और को फ़ॉलो करें.

मगर ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि किसी मशहूर शख़्सियत ने Homosexuality पर इस तरह का विवादित बयान दिया है. आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर से पहले भी कई लोग ऐसी टिप्पणी कर चुके हैं.

तो आइये जानते हैं कि इससे पहले किस-किस दिग्गज ने इस तरह की बयानबाज़ी की है.

1. साल 2013 में योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा था कि Gay होना बीमारी है.

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‘समलैंगिकता एक बीमारी है. मैं समलैंगिक समुदाय को मेरे योग आश्रम में आमंत्रित करता हूं और मैं उन्हें गारंटी देता हूं कि मैं उनकी इस बीमारी (समलैंगिकता) का इलाज कर दूंगा.’

2. साल 2015 में सुब्रह्मण्यम स्वामी ने समलैंगिक व्यक्तियों को ‘आनुवंशिक रूप से विकलांग’ ( genetically handicapped) कहा था और ट्वीट भी किया था.

3. Telegraph को दिए एक इंटरव्यू में राजनाथ सिंह ने कहा था,

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“हम यह मानते हैं कि हम धारा-377 का समर्थन करते हैं क्योंकि हम मानते हैं कि समलैंगिकता एक अप्राकृतिक कृत्य है और इसे समर्थित नहीं किया जा सकता.”

4. 2016 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संयुक्त महासचिव, दत्तात्रेय होसबोले ने Homosexuality पर ट्वीट किया था कि,

‘समलैंगिकता कोई अपराध नहीं है, लेकिन सामाजिक रूप से हमारे समाज के लिए अनैतिक काम है. इसके लिए किसी को दंडित करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन इसे मनोवैज्ञानिक मामला माना जाएगा.’

5. भारतीय इस्लामी उपदेशक और इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ जाकिर नाइक ने कहा था कि,

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‘LGBT समुदाय के लोग बीमार होते हैं, वो अधर्मी मानसिक समस्या से जूझ रहे होते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि वो पोर्न मूवीज़ देखते हैं. इसके लिए टीवी चैनलों को दोषी ठहराया जाना चाहिए.’

6. 2011 में HIV/AIDS पर जिला परिषद अध्यक्ष और महापौरों के राष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए तत्कालीन हेल्थ मिनिस्टर, गुलाम नबी आज़ाद ने कहा था कि समलैंगिकता एक बीमारी है और ये अप्राकृतिक है और ये हमारे भारत के लिए सही नहीं है.

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7. साल 2009 में अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष, मौलाना राबे हसीनी नादवी ने कहा:

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‘समलैंगिकता की निंदा की जानी चाहिए क्योंकि यह अधार्मिक और अप्राकृतिक है. हम अपनी भारतीय संस्कृति पर इस तरह की पश्चिमी संस्कृति को हावी होने की इजाज़त नहीं दे सकते. अगर हम इस तरह के कृत्यों, जो धर्म, प्रकृति, नैतिकता और आदतों के विरुद्ध हैं, को क़ानूनी रूप से वैध करते हैं, तो हम भारतीय समाज एक तरह से ज़हर दे देंगे.’