बीते कुछ सालों में देश का रेल मंत्रालय सोशल मीडिया सेवी बन गया है. हम ऐसे ही ये बात नहीं कह रहे हैं, बल्कि अगर आपने गौर किया हो तो अक्सर ऐसी खबरे आती हैं कि ट्रेन में किसी ज़रूरतमंद की मदद के लिए कुछ ही समय में चिकित्सा की व्यवस्था हो गई, तो कभी किसी गर्भवती महिला की डिलीवरी के लिए सूचना मिलते ही ट्रेन को रोका गया और महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया. इतना ही नहीं रेल विभाग में हो रहे घोटालों को भी काफी हद तक ख़त्म किया गया है. इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा कि देश का रेल मंत्रालय काफी हद तक चुस्त और दुरुस्त हो गया है.

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हाल ही में रेल मंत्रालय की सजगता का एक और मामला सामने आया. दरअसल, उत्तरप्रदेश के मुग़लसराय स्टेशन पर ट्रेन नंबर 12357 की रुटीन चेकिंग के दौरान Railway Protection Force (RPF) को एक 12 साल की लड़की मिली, जो अकेले सफर कर रही थी. इसमें कोई हैरान होने वाली बात नहीं थी कि जब लड़की से पूछताछ की गई, तो पता चला कि वो मानव तस्करी का शिकार है.

आइये अब आपको बताते हैं कि इस बात की जानकारी देते हुए रेलवे मिनिस्ट्री ने क्या ट्वीट किया:

21 फरवरी, 2017 को करीब 9 बजकर 48 मिनट पर ट्रेन नंबर, RFP/Mughalserai/ECR की चेकिंग के दौरान RPF को एक 12 साल की लड़की दिखी, जो काफी घबराई हुई थी और संदिग्ध हालात में यात्रा कर रही थी. पूछने पर उसने बताया कि वो कुंद्रा में स्थित अपने स्कूल से एक व्यक्ति के साथ भाग कर आयी थी. उस व्यक्ति ने उससे एक बेहतर ज़िन्दगी देने का वादा कर पानी बातों में फंसाया था, लेकिन अब वो आदमी कहीं दिखाई नहीं दे रहा है, इसलिए वो परेशान है. RPF ने उस लड़की को अपने साथ ले लिए और फिर उसे उसके माता-पिता को इस बात की सूचना दी. फिर पूरी जांच-पड़ताल के बाद उस लड़की को उसके पेरेंट्स को सौंप दिया गया.

ये रहा ओरिजिनल ट्वीट:

इस तरह की सतर्कता दिखाने और शीघ्र कार्रवाई करने की वजह से ट्रेन के अधिकारियों ट्विटर पर बहुत वाहवाही हुई है:

ये वास्तव में एक सराहनीय कदम है.

प्रभावशाली सतर्कता

सुरेश प्रभु द्वारा हर चीज़ का बखूबी नेतृत्व किया गया है.

हमारी ट्रेन यात्राओं को बहुत सुरक्षित बनाने के लिए धन्यवाद.

बहुत खूब!

मानव तस्करी हमारे देश में एक गंभीर समस्या है, और जो काफी समय से देश में अपनी जड़ें मजबूत कर चुका है. आपको जानकर हैरानी होगी कि पूरी दुनिया में लगभग 27 लाख बड़े और करीब 13 लाख बच्चे मानव तस्करी का शिकार हुए हैं. निरंतर सतर्कता और शीघ्र कार्रवाई ही एक रास्ता है, जो इन आंकड़ों को कम करने में मददगार साबित हो सकती है और इस समस्या को जड़ से ख़त्म कर सकती है. जैसा कि रेल मंत्रालय ने कहा है कि अगर ज़रा सा भी संदेह हो, तो तुरंत सुचना दें.

तो एक अच्छे और सजग नागरिक की तरह आपका और हमारा भी फर्ज़ है कि हम भी अपनी आंख और कान खुले रखें और कुछ गलत होने से पहले ही पुलिस और सरकार को होशियार करें.