पिछले साल नवंबर में हुए नोटबंदी के ऐलान के बाद केंद्र सरकार 500 और 2000 रुपये के नए नोट मार्केट में लायी. सरकार की योजना अब 200 रुपये के नोट लाने की तैयारी में है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा इसकी छपाई का काम भी शुरू कर दिया गया है. इस बाबत केंद्रीय बैंक का कहना है कि लोगों के लिए ट्रांजैक्शंस को आसान करने के उद्देश्य से 200 रुपये के नोट को जारी किया जाएगा.
इकनॉमिक टाइम्स के अनुसार, RBI की ओर से कुछ हफ्ते पहले ही इन नोटों को छापने का आदेश दिया गया है और तब से ही सरकारी प्रिंटिंग प्रेस में इन नोटों को छापने का काम चल रहा है. पहले ये खबर आई थी कि इन नोटों को जुलाई में जारी किया जाएगा, लेकिन फिलहाल अभी इनकी छपाई का काम बाकी है, तो इन नोटों के मार्केट में आने में थोड़ी देरी हो सकती है.
इन नोटों की छपाई का काम सरकार की देखरेख में मध्यप्रदेश के होशंगाबाद स्थित प्रिंटिंग प्रेस में किया जा रहा है. सरकार की प्रेस यूनिट में ये नए नोटों को सुरक्षा और गुणवत्ता की जांच के कई स्तरों से गुजर रहे हैं. बाजार में 200 के नोट आने से ट्रांजेक्शन में काफी मदद मिलेगी. 200 रुपये के नया नोट आने से अर्थव्यवस्था में नकदी प्रवाह को कम करने और सिस्टम में मुद्रा मिश्रण को सुधारने के लिए सरकार के मिशन का समर्थन करने की उम्मीद की जा रही है.
वहीं SBI के ग्रुप चीफ़ इकॉनमिस्ट, सौम्य कांति घोष ने कहा, ‘200 रुपये के नोट आ जाने से दैनिक लेन-देन में आसानी होगी. उन्होंने कहा कि 200 रुपये के नोटों को जारी किए जाने के बाद छोटी करंसी के संकट से निजात मिल सकेगी.’ 200 रुपये के इस नोट में नए और खास सिक्योरिटी फीचर्स होंगे, जिनको कॉपी करना आसान नहीं होगा. इसलिए इन नोटों की छपाई में बहुत ही ज़्यादा सावधानी बरती जा रही है.
नवंबर में नोटबंदी के बाद 500 और 2000 रुपये के नोट आए थे और लोगों को 2000 रुपये के नोट को चेंज कराने में काफी परेशानी हो रही है. 200 रुपये के नोट मार्केट में आने से लोगों को राहत मिलेगी.
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को काले धन और नकली नोटों के धंधे को ख़त्म करने के लिए 500 और 1000 रुपये के नोटों को बैन कर दिया था और नोटबंदी के बाद 500 और 2000 रुपये के नए नोट जारी किए गए थे.
इसी साल मार्च में RBI Board ने एक मीटिंग में 200 रुपये के नोटों को लागू करने का फ़ैसला लिया था. SBI के आंकड़ों के अनुसार, नोटबंदी के देश में 500 रुपये के नोटों की संख्या 1,650 करोड़ थी. लेकिन इन नोटों को हटाए जाने के बाद खबर आई थी कि मार्केट में 500 रुपये के नोटों की संख्या में बड़ा अंतर आ गया था.