चेन्नई की स्वाति (बदला हुआ नाम) को शहर के के.के.नगर आरटीओ में शर्मिंदा होना पड़ा, जब उसे ड्राइविंग टेस्ट नहीं देने दिया गया. वजह? उसने जीन्स पहनी थी. 

मैंने जीन्स और स्लीवलेस टॉप पहनता था. मुझे लाइसेंस चाहिए था, इसलिए मैं घर गई और सलवार-कमीज़ पहनकर लौटी.

-स्वाति

इस घटना के कुछ दिनों बाद ‘सुमिता’ (बदला हुआ नाम) को भी उसी RTO ने वापस कर दिया. सुमिता ने कैपरी और शर्ट पहनी थी. सुमिता से घर जाकर ‘ढंग के कपड़े’ पहनने को कहा गया. जब सुमिता ने जब इस ग़लत बर्ताव पर आवाज़ उठाई तो RTO ने अपने कुछ कर्मचारियों को जमा किया और इस ‘अलिखित’ नियम को जायज़ ठहराने लगा. 

Nice Pik
मैं लाइसेंस मिलने का चांस नहीं खोना चाहती थी इसलिए मैं सलवार कमीज़ पहनकर वापस आई. 

-सुमिता

News18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, उस RTO अफ़सर ने अपनी हरकत को जायज़ ठहराया है. RTO अफ़सर का कहना था कि ड्राइविंग लाइसेंस देने वाला दफ़्तर सरकारी है और वहां ‘सही से कपड़े पहनकर’ आने को कहना ग़लत नहीं है. 

उसका ये भी कहना था कि वहां हर तरह के लोग आते हैं और ये बात सभी को दिमाग़ में रखनी चाहिए. 

चाहे वो आदमी हो या औरत ये तो जनरल एडवाइस है कि हर किसी को ढंग के कपड़े पहनकर आना चाहिए. ये Moral Policing नहीं है. 

-RTO अफ़सर

Eyeem

News18 की रिपोर्ट के अनुसार, शॉर्ट्स, लुंगी या बरमुडा में आए पुरुषों को भी RTO ऑफ़िस से वापस भेज दिया जाता है.