कभी एशिया की सबसे बुरी करेंसी रहा रुपया, पिछले पांच सप्ताह में बाज़ी मारते हुए एशिया की सबसे बेस्ट करेंसी बन गया है. पिछले एक महीने में भारतीय बाज़ार में विदेशी निवेश बढ़ने के कारण ऐसा हुआ है. रुपये में इस दौरान 4.1 प्रतिशत की उछाल देखने को मिली है.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, रुपये में आई इस मज़बूती का सबसे बड़ा कारण आने वाले लोकसभा चुनाव हैं. जानकारों का मानना है कि पीएम मोदी के दोबारा सत्ता में आने के संकेतों ने डॉलर के मुकाबले रुपये को मज़बूत किया है.
जून तक होगा रुपया 67 डॉलर के बराबर
सिंगापुर के Scotiabank के Currency Strategist Gao Qi ने इस बारे में बात करते हुए कहा- ‘अगर पीएम मोदी दूसरी बार चुनकर आते हैं, तो रुपये में और भी मज़बूती देखने को मिलेगी.’
रुपये में आई इस मज़बूती के कई और कारण है. इनमें भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिती का कम होना, अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में लोन पर घटती ब्याज दर, चीन-अमेरिका के व्यापार में आई तल्खी का नर्म होना और भारतीय बाज़ार में विदेशी निवेशकों का बढ़ता विश्वास शामिल है.
फ़रवरी में आया 2.42 अरब डॉलर का विदेशी निवेश
Bloomberg की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फ़रवरी में भारतीय शेयर बाज़ार में 2.42 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया, जो पिछले 15 महीनों में सबसे ज़्यादा है. इसके अलावा 18 मार्च तक विदेशी निवेशकों ने 3.3 अरब डॉलर के शेयर्स की ख़रीदारी की है. 2018 में भारतीय बाज़ार से विदेशी निवेशकों ने कुल 4.4 अरब डॉलर की निकासी की थी, जिसके बाद हुए इस बड़े निवेश से बाज़ार को ताकत मिली है.
वहीं बात करें विश्व की सबसे ताकतवर करेंसी की, तो आपको जानकर हैरानी होगी कि विश्व की सबसे मज़बूत करेंसी डॉलर नहीं कुवैती दिनार है.
ये रही साल 2019 के Most Expensive World Currencies की पूरी लिस्ट: