रुस ने अमेरिका से ज़्यादा ताकतवर होने का दावा किया है. रुस ने इस बात का दावा एक शक्ति परीक्षण के बाद किया.

रुस ने अपना सबसे शक्तिशाली परमाणु सबमरीन लांच किया है. कहा जा रहा कि ये अटलांटिक के मध्य से अमेरिका में मौज़ूद मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम है.

अत्याधुनिक उप-क्रूज मिसाइलों का उपयोग के करके ये तीव्रता के साथ ज़मीन पर 15,00 मील दूर तक लक्ष्य हासिल कर सकता है. ये अमेरिका के पूर्वी तट तक पहुंचने में सक्षम है.

इस हाईटेक सबमरीन का अनावरण नार्थ रुस के Sevmash Shipyard में किया गया था.

2018 में अमेरिका को दिखाने के लिए, इसे कुछ देर के लिए लाइव भी किया जा सकता है.

सबमरीन को लॉन्च करने के लिए सैकड़ों लोग निकल गए हैं.

केजन सबमरीन जेक्ट 885 यासन क्लास की चौथी पीढ़ी है, जिसका निर्माण पिछले 8 सालों से रहा था. बीते शुक्रवार को उत्तरी रुस के Severodvinsk में इसका अनावरण किया गया.

ये लगभग 139 मीटर लंबा है, समुद्र के 600 मीटर तक नीचे जाकर जलते रहने के साथ ही ये 100 दिनों तक समुद्र के अंदर रह सकता है. इसमें 90 लोगों को एक साथ ले जाने की क्षमता भी है.

इस हाईटेक सबमरीन में 8 चैबंर हैं, जिसमें कि 10 Cruise Missilesऔर Torpedo Tubes पकड़ने की क्षमता है. प्रत्येक Torpedo Tubes में 30 Torpedoes हैं.

इस सबमरीन की मारक क्षमता 1500 मील दूर तक है.

इस सबमरीन का निर्माण कार्य 2009 से चल रहा है.

इसकी खासियत ये हैं कि इसमें आवाज़ बहुत कम होती है, इसलिए इसे ट्रैक करना मुश्किल होता है.

इस Soviet-era की वापसी माना जा सकता है. नौसेना प्रमुख Vladimir Korolyov ने घोषणा कर ये बताया कि इसकी मदद से रुसी सेना युद्ध की गश्ती को लेवल पर ले गई है, जो शीत युद्ध के दौरान के देखा गया था.

Korolyov ने रुसी मीडिया को बताया कि गश्ती दल (Patrol) पर कर्मचारियों ने 3000 से अधिक दिन बिताए थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि वो उनका ‘शानदार लेवल’ था.

सबमरीन के लॉन्च के दौरान बोलते हुए Korolyov ने कहा, ‘संशोधित प्रोजेक्ट ‘Yasen-M’ के तहत बनाई गई इस अडवांस सबमरीन का शुभारंभ पूरे देश, उसके सशस्त्र बलों और नौसेना के लिए काफ़ी उत्साहवर्धक है.’

सबमरीन के लॉन्च के दौरान वहां के पुजारी

लॉन्च के मौके पर रुस के उप-प्रधानमंत्री Dmitry Rogozin भी मौज़ूद थे.

‘हम सरकार द्वारा पारित एक योजना पर एक साथ काम कर रहे हैं.’

‘हम एक पनडुब्बी समूह बनाने की प्रक्रिया में हैं, जो दुनियाभर के मिशनों से मुकाबला करने और रूस की सुरक्षा को बनाए रखने में सक्षम है.’