हर दिन करोड़ों लोग इंडियन रेलवे से यात्रा करते हैं. एडवांस में टिकट भी बुक हो जाते हैं. पर उस वक़्त क्या हो जब आपके पास टिकट भी हो, आप समय पर स्टेशन भी पहुंच जाएं, लेकिन आपके पास जिस कोच का टिकट हो वो लगाया ही न जाए. ज़ाहिर सी बात है आप ऐसे में बहुत परेशान हो जाएंगे और जमकर हंगामा भी करेंगे. कुछ ऐसे ही हुआ 18 तारीख़ को महाकौशल एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे यात्रियों के साथ.
महाकौशल एक्सप्रेस जबलपुर से नई दिल्ली जा रही थी. लेकिन रेलवे के कर्मचारी इसमें एस-11 बोगी लगाना ही भूल गए, जिसके टिकट वो पहले ही बेच चुकी थी. ऐसे में यात्री बहुत परेशान हुए और उन्होंने किसी तरह एक स्टेशन तक दूसरी बोगी में एडजस्ट होकर यात्रा की.
कटनी स्टेशन पर जब कोई भी उनकी सुध लेने नहीं पहुंचा तो उन्होंने जमकर हंगामा किया. टीटी से बहस हुई और यात्रियों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन को क़रीब 20 मिनट तक रोके रखा. यहां तक की रेल के ड्राइवर ने भी यात्रियों का समर्थन किया और रेलवे कर्मचारियों पर गुस्सा करता दिखाई दिया.
मगर न तो टीटी ने और न ही रेल प्रशासन ने उनकी कोई मदद की. बेचारे यात्रियों को नई दिल्ली तक दूसरे कोच में बैठकर ही यात्रा करनी पड़ी.
रेलवे की लापरवाही का ये पहला मामला नहीं है, इससे पहले साल 2014 में छिंदवाड़ा से दिल्ली आने वाली पातालकोट एक्सप्रेस में भी कर्मचारी कोच लगाना भूल गए थे. तब भी यात्रियों को इधर-उधर एडजस्ट कर यात्रा करनी पड़ी थी.
इन दोनों ही मामलों ने ये साबित कर दिया है कि भले ही रेलवे यात्रियों को सुविधाजनक और सुरक्षित यात्रा करने का दावा करती हो, लेकिन उनके ये दावे खोखले ही हैं.
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