सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर मामला इन दिनों गरमाया हुआ है. मंदिर का प्रबंध संभालने वाले त्रावणकोर देवस्वामी बोर्ड (टीडीबी) के अध्यक्ष ने ऐसे में एक बेतुका बयान देते हुए कहा है कि ‘महिलाओं के प्रवेश से मंदिर सेक्स टूरिस्म की जगह में बदल जायेगा’.

पी. गोपालकृष्ण इससे पहले भी विवादास्पद बयान देने के लिए चर्चा में रह चुके हैं. उनका कहना है कि ‘महिलाओं को मंदिर में प्रवेश देने से सुरक्षा संबंधी परेशानियां हो सकती हैं. महिलाओं के मंदिर में आने से अनैतिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और मंदिर थाईलैंड जैसा सेक्स टूरिस्म स्पॉट बन जायेगा’. ये बयान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर विचार करने के फ़ैसले के बाद दिया है.

उनका कहना है कि ‘कोर्ट भले ही महिलाओं को मंदिर में जाने की इजाज़त दे दे, उन्हें लगता है कि इज्ज़तदार महिलाएं खुद ही मंदिर में प्रवेश नहीं करेंगी’.

दरअसल, मंदिर में 10 से 50 की उम्र के बीच की लड़कियों और महिलाओं का प्रवेश वर्जित है. सबरीमाला मंदिर मक्का के बाद सबसे बड़ा धार्मिक स्थल माना जाता है.

गोपालकृष्ण ने कहा कि ‘सालों से यहां यही परंपरा चली आ रही है. अगर महिलाएं मंदिर में आती हैं तो उनकी सुरक्षा के लिए भी ये अच्छा नहीं है’.

केरल के मंत्री के. सुरेंद्रन ने इस बयान को लेकर कहा है कि ‘गोपालकृष्णन ने इस तरह की टिप्पणी कर महिलाओं और भगवान अय्यपा के भक्तों का अपमान किया है और उन्हें इसके लिए माफ़ी मांगनी चाहिए’.

लगभग दो साल पहले गोपालकृष्ण ने कहा था कि ‘मंदिर में महिलाओं को प्रवेश दिया जा सकता है, अगर ऐसी कोई मशीन बनाई जाए, जिससे महिलाओं की पवित्रता (माहवारी) चेक की जा सके. तब भी उनकी काफ़ी आलोचना हुई थी.