‘बाबाजी की बूटी’
वैसे तो भारत में गांजे की खेती, आम लोगों के सेवन के लिए ग़ैरक़ानूनी है और इसकी खेती सिर्फ़ दवाई बनाने के लिए हो सकती है पर ये उतना ही क़ानूनी है, जितना लाल बत्ती देखकर ठहरना.
Times Now की रिपोर्ट के अनुसार, बोईसर में एक 81 साल के ‘साधू’ गांजा उगा रहे थे. बोईसर के एक गांव में बिहार के साधू इंद्रदेव रामकिशोरदास भजगोविंद ग़ैरक़ानूनी ढंग से गांजे की खेती कर रहे थे.
आरोपी साधू का कहना है कि उन्हें नहीं पता था कि गांजे की खेती ग़ैरक़ानूनी है और ये उन्हें साधना और काम-तृष्णा को दूर रखने में सहायता करता है.
बोईसर MIDC पुलिस स्टेशन के Janardhan Parabkar ने बताया,
हमें टिप मिली थी कि एक साधू गांजा उगा रहा है. सोमवार रात को हमने रेड मारी और 188 गांजे के पौधे बरामद किए.
ख़ैर, अगर ऐसे रेड देशभर में पड़ने लगे तो न जाने कितने लोग गिरफ़्तार होंगे और कितने पौधे ज़ब्त किए जाएंगे!