‘बाबाजी की बूटी’

‘कश मारके उड़ा दे ज़िन्दगी के सारे ग़म’

बूटी के बारे में कई गाने सुने होंगे. बूटी बोले तो गांजा… बोले तो बाबा… बोले तो Peace… जिस भी नाम से पुकार लो. 

Herb Approach

वैसे तो भारत में गांजे की खेती, आम लोगों के सेवन के लिए ग़ैरक़ानूनी है और इसकी खेती सिर्फ़ दवाई बनाने के लिए हो सकती है पर ये उतना ही क़ानूनी है, जितना लाल बत्ती देखकर ठहरना.


अब हुआ कुछ ऐसा ही कि मुंबई में एक बाबाजी आश्रम बनाने के नाम पर गांजे के पौधे उगा रहे थे.   

Hindustan Times

Times Now की रिपोर्ट के अनुसार, बोईसर में एक 81 साल के ‘साधू’ गांजा उगा रहे थे. बोईसर के एक गांव में बिहार के साधू इंद्रदेव रामकिशोरदास भजगोविंद ग़ैरक़ानूनी ढंग से गांजे की खेती कर रहे थे. 

आरोपी साधू का कहना है कि उन्हें नहीं पता था कि गांजे की खेती ग़ैरक़ानूनी है और ये उन्हें साधना और काम-तृष्णा को दूर रखने में सहायता करता है.


HT की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने साधू से 905 ग्राम गांजा बरामद किया है, जिसकी क़ीमत 1.42 लाख बताई जा रही है.  

साधू रामकिशोरदास अपने एक Under Construction आश्रम में रहते थे. 

Medical News Today

बोईसर MIDC पुलिस स्टेशन के Janardhan Parabkar ने बताया, 

हमें टिप मिली थी कि एक साधू गांजा उगा रहा है. सोमवार रात को हमने रेड मारी और 188 गांजे के पौधे बरामद किए.

ख़ैर, अगर ऐसे रेड देशभर में पड़ने लगे तो न जाने कितने लोग गिरफ़्तार होंगे और कितने पौधे ज़ब्त किए जाएंगे!