पहली बार सांसद बनी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर अपने नॉमिनेशन के समय से ही सुर्खियों में हैं. उन पर कोर्ट में केस चल रहा है. इसके बावजूद वो संसद में मध्य प्रदेश की राजधानी, भोपाल को रिप्रेज़ेंट कर रही हैं.


कुछ दिनों पहले उन्होंने लोक सभा में भोपाल जेल में मेडिकल सुविधाएं बेहतर करने पर भाषण दिया था और लोगों का ध्यान खींचा था.  

रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने फिर से कुछ ऐसा बयान दिया है जिस वजह से वो सुर्खियों में आई हैं. 

‘ध्यान रखो, हम नाली साफ़ करवाने के लिए नहीं बने हैं, ठीक है न? हम आपका शौचालय साफ़ करने के लिए बिल्कुल नहीं बनाए गए हैं. हम जिस काम के लिए बनाए गए हैं वो काम हम ईमानदारी से करेंगे, ये हमारा पहले भी कहना था आज भी कहना है, करना है और आगे भी करेंगे.’ 

एक बीजेपी वर्कर ने ही अपने क्षेत्र में गंदगी की शिकायत की थी, जिस पर सांसद प्रज्ञा ठाकुर का ये जवाब आया था.  

ग़ौरतलब ये है कि प्रज्ञा ठाकुर बीजेपी की सांसद हैं. केन्द्र में बीजेपी की ही सरकार है और देश के प्रधानमंत्री ने ख़ुद झाड़ू उठाया था. देश को खुले में शौच मुक्त, साफ़-सुथरा और स्वच्छ बनाने के लिए बाक़ायदा कई योजनाएं भी बनाई गईं.


प्रधानमंत्री मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने सफ़ाई जैसे विषय पर बात की. सरकार की योजनाओं की बदौलत कई शहर और राज्य आज खुले में शौच मुक्त हो चुके हैं. कई घरों में पक्के शौचालय बन चुके हैं.   

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ऐसे में प्रधानमंत्री जी की पार्टी के सांसद का ऐसा बयान कई प्रश्न खड़े करता है.  


जिस देश के प्रधानमंत्री तक ने झाड़ू उठा लिया उन्हीं के पार्टी के सांसदों की ऐसी ‘वीवीआईपी’ विचारधारा नहीं होनी चाहिए. 

एक सांसद के काम बंटे हुए कब से होने लगे. जो क्षेत्र उसका है उस क्षेत्र की हर एक समस्या यहां तक की नाली की भी समस्या के लिए वही ज़िम्मेदार है.  

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प्रज्ञा ठाकुर के अनुसार, वे जिस काम के लिए चयनित की गई हैं उस विषय में जनता को भी बताना चाहिए. जब वे जेल के क़ैदियों के बारे में इतना ‘सोच’ सकती है तो क्या शहर की साफ़-सफ़ाई के बारे में सोचने से उनकी इज़्ज़त कम हो जाएगी.


सबसे ज़्यादा परेशान करने वाली बात तो ये है कि उनकी बात पर सभी हां-हां किए जा रहे थे. काम-काज का तो पता नहीं, पर ऐसे बयानों से वे आगे भी ख़बरों में बनी ही रहेंगी.  

प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर ट्विटर सेना की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही-