ग्लोबल वॉर्मिंग के बारे में दुनिया भर के बड़े नेताओं ने बहुत कुछ कहा है.
Brutal and Extended Cold Blast could shatter ALL RECORDS – Whatever happened to Global Warming?
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) November 22, 2018
हमारे प्रधानमंत्री भी इस बारे में बहुत कुछ कह चुके हैं:
— Alka Lamba (@LambaAlka) October 10, 2017
ख़ैर, दुनिया भर के बड़े नेताओं ने ग्लोबल वॉर्मिंग के ख़िलाफ़ कोई ठोस क़दम नहीं उठाया. बड़ी-बड़ी Conferences में बातें ही की गईं. इतने बड़े मुद्दे को वर्ल्ड लीडर्स ने तो नज़रअंदाज़ कर दिया लेकिन दुनिया भर के बच्चे इसके ख़िलाफ़ एकजुट हो गए हैं.
कल पूरी दुनिया के बच्चे अपने-अपने देशों में एकत्रित हुए और उनकी सरकारों द्वारा की जा रही इस लापहरवाही पर अपना विरोध जताया.
ये कोई छोटा-मोटा मार्च नहीं था…. भीड़ इतनी थी कि बड़े-बड़े नेताओं की रैलियां छोटी पड़ जाएं. आयरलैंड के डबलिन से लेकर भारत के दिल्ली में, हर जगह ये रैली निकली.
#GlobalStrike in Delhi#FridaysForFuture #ClimateStrike #ExtinctionRebellion pic.twitter.com/AAQ6mfdXFf
— Climate Strike India (@climatestrikeIN) March 15, 2019
We made it. Indian youth stands for #ClimateAction.#GlobalStrike in Delhi. Students, activists, different organisations and pregnant women come forward for the future#FridaysForFuture#ClimateStrike pic.twitter.com/Gfm7qlztnQ
— John Paul Jose (@johnpauljos) March 15, 2019
भारत में दिल्ली के अलावा, बेंगलुरु, मुंबई, हैदराबाद, उदयपुर लेकर बिहार के गांव तक में बच्चे सड़कों पर सरकार से सवाल करने उतरे.
#GlobalStrike in Delhi
— John Paul Jose (@johnpauljos) March 15, 2019
100s of students join for their future. #FridaysForFuture #ClimateStrike#ExtinctionRebellion pic.twitter.com/2y1Wy82gK6
#RuralIndia also demanding Green Governance
— Ishteyaque Ahmad (@muktigami) March 15, 2019
Children from Bela Village of Jamui, Bihar#climatestrike #ClimateStrikeIndia @greenpeaceindia@GretaThunberg pic.twitter.com/3aufinZgvd
LIVE: Young climate warriors in Delhi are demanding Governments STOP COAL!
— Greenpeace India (@greenpeaceindia) March 15, 2019
Act on Climate now!#SchoolStrikeForClimate #ClimateStrike #FridaysForFuture @9isM9 pic.twitter.com/SOHnuVz2Ah
ये प्रोटेस्ट एकदम से कैसे शुरू हुआ?
स्वीडन की एक 16 साल की लड़की है, अभी-अभी उसे उसकी सरकार ने नोबेल पीस प्राइज़ के लिए नॉमिनेट किया है. पिछले कई सालों से ये बच्ची ग्लोबल वॉर्मिंग के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ रही है और वो ट्रम्प जैसे ताकतवर प्रेज़िडेंट को ग्लोबल वॉर्मिंग पर लचर रवैये के लिए लताड़ चुकी है.
Fridays for future. The school strike continues! #climatestrike #klimatstrejk #FridaysForFuture pic.twitter.com/5jej011Qtp
— Greta Thunberg (@GretaThunberg) September 16, 2018
ग्रेटा 2018 में हर शुक्रवार स्कूल मिस कर के स्वीडन की संसद के बाहर प्रोटेस्ट करने जाती थी. मकसद का ग्लोबल वॉर्मिंग की तरफ़ बातचीत शुरू करना और सरकार को उसके ढीले रवैये के लिए ज़िम्मेदार ठहराना. ग्रेटा से ही प्रेरणा पा कर दुनिया भर के देशों के बच्चों ने अपनी-अपनी सरकारों से ग्लोबल वॉर्मिंग पर सवाल करते हुए Friday प्रोटेस्ट किये.
Latest update say:
— Greta Thunberg (@GretaThunberg) March 15, 2019
2052 places in 123 countries on all continents, including Antarctica.
So, the question is:
What will you do on March 15 2019? https://t.co/ROmtFMrj6Y#schoolstrike4climate #FridaysForFurture #climatestrike #WhateverItTakes
(picture from Sydney today) pic.twitter.com/oFr6IryCnk
ट्विटर पर कई लोगों ने इन बच्चों का मज़ाक उड़ाते हुए कहा था कि कहीं स्कूल बंक मारने का बहाना न ढूंढ रहे हों. इन तस्वीरों में उन सभी लोगों के लिए मुंहतोड़ जवाब था:
इन बच्चों ने अपनी तरफ़ से सवाल पूछ लिए हैं. क्या सरकारों और लीडर्स के पास जवाब है?