बड़े-बुज़ुर्ग लोगों को शिकायत रहती है कि उनके ज़माने में बेईमान आदमी भी वादे के पक्के हुआ करते थे, अब तो ऐसा है कि किसी अफ़सर को पैसा खिलाओ तो भी गारंटी नहीं की आपका काम होगा. तो उन बुज़ुर्गों को मैं बताना चाहूंगा कि ऐस नहीं है. आज भी ऐसे बेईमान इमानदार लोग है हमारे आस-पास मौजूद हैं. अब इसी वाकये को ले लीजिए.
राजस्थान के धोलापुर में सब-डिविज़नल मजिस्ट्रेट(SDM) भंवर लाल को Anti-Curruption Bureau वालों ने घूस के 10,000 रूपये के साथ पकड़ा. वो घूस ले नहीं रहे थे, लौटा रहे थे. भंवर लाल पहले घूस ले चुके थे, पैसे लौटाने के दौरान दबोचे गए.
हुआ ये था कि भंवर लाल ने किसी प्रॉपर्टी के केस में शिकायतकर्ता के पक्ष में फ़ैसले लेने के एवज़ में पैसे लिए थे. गुरुवार की रात को SDM साहब को पता चला कि उनका तबादला हो गया है. अब वो चाहते थे, घूस के पैसे हजम कर जाते. लेकिन वो थे भले आदमी! उसूलों वाले! इसलिए उन्होंने अगली पार्टी को बुला कर पैसे वापस करने चाहे, इससे पहले वो पैसे वापस कर पाते, पकड़े गए.
भंवरलाल को सज़ा से ज़्यादा ये बात ज़िंदगीभर खलेगी कि कम से कम घूस लेता हुआ पकड़ा जाता.