चंद्रयान-2 मिशन की कुल लागत 124 मिलियन डॉलर है, जिसमें 31 मिलियन लॉन्च का ख़र्च और 93 मिलियन डॉलर सैटेलाइट की कीमत सम्मिलित है. जान कर हैरानी हो सकती है कि हाल में रिलीज़ हुई हॉलीवुड की ब्लॉकबस्टर फ़िल्म Avengers Endgame का बजट इससे दोगुना ज़्यादा था, फ़िल्म 356 मिलियन डॉलर में बन कर तैयार हुई थी.  

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Indian Space Research Organisation(ISRO) धीरे-धीरे अपने महत्वकांक्षी परियोजना चंद्रयान-2 से जुड़ी जानकारियां देने शुरू कर चुका है. इस परियोजना के बजट की जानकारी बाहर आ चुकी है.  

ISRO ने सैटेलाइट के लॉन्च होने की तारीख़ की भी घोषणा की है, चंद्रयान इस साल 9 जुलाई से 16 जुलाई के बीच उड़ान भरेगा और उम्मीद है 6 सितंबर चांद पर लैंड करेगा.  

चंद्रयान-1 की सफ़लता से उत्साहित वैज्ञानिक चंद्रयान-2 की सफ़लता के लेकर भी निश्चिंत हैं. पहला चंद्रयान साल 2009 में चांद पर भेजा गया था, जिसने चांद पर पानी के होने के संकेत भेजे.  

अबतक मात्र तीन देश रूस, अमेरिका और चीन चांद को छू पाए हैं. इसी साल इज़राइल ने भी कोशिश की थी लेकिन सफ़लता हाथ नहीं लगी.  

चंद्रयान-2 श्रीहरीकोटा में मौजूद सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च होगी. इस परियोजना में Geosynchronous Satellite Launch Vehicle (GSLV MK-III) रॉकेट का इस्तेमाल किया जाएगा. चंद्रायन-2 के तीन मॉड्युल होंगे- Orbiter, Lander(विक्रम), Rover(प्रग्यान) 

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ISRO के अनुसार, ये NASA के अपोलो मिशन से ज़्यादा जटिल है. ISRO अपने सैटेलाइट को एक निश्चित जगह पर लैंड कराने की कोशिश कर रही है. लैंडिंग साइट साउथ पोल के क़रीब होगी.  

इस मिशन को अगर विदेश के किसी लॉन्चिंग साइट से संचालित किया जाता तो इसकी कुल लागत 232 मिलियन डॉलर के होती, जो वर्तमान में इसके आधे में हो रही है.  

चंद्रयान-2 के लिए साल 2008 में भारत सरकार की ओर से 92 मिलियन डॉलर की बजट निर्धारित की गई थी, इसमें रॉकेट की क़ीमत सम्मिलित नहीं थी.  

इस मिशन के लिेए साल 2007 में भारत के ISRO और रूस के अंतरिक्ष केंद्र ROSCOSMOS के बीच करार हुआ था. इसके तहत साल 2013 तक रूस भारत को Lander मुहैया करायगा लेकिन तय समय पर जब रूस ऐसा करने में असफ़ल र,हा तो भारत अकेले इस राह पर चल पड़ा.