नोएडा पुलिस ने ये तय किया है कि जो व्यक्ति रास्ते पर दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की मदद करने के बजाए, उसका वीडियो बनाएगा या सेल्फ़ी लेगा उसकी पर्ची काटी जाएगी.  

ऐसा करने की नौबत इसलिए आई क्योंकि पुलिस ने नोटिस किया कि बीते कुछ महीनों में दुर्घटना स्थल पर वीडियो बनाना और सेल्फ़ी क्लिक करने का चलन बढ़ गया है. इससे बेवजह का ट्रैफ़िक भी लगता है, पुलिस और एम्बुलेंस को पहुंचने में दिक्कत होती है. साथ ही साथ वहां मदद करने वाले व्यक्ति को परेशानी होती है.  

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इसी साल मई महीने तक नोएडा में कुल 481 सड़क दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 220 लोगों की मौत हुई और कुल 393 घायल हुए, ये आंकड़े डरावने हैं.  

गौतम बुद्ध नगर के सुप्रिटेंडेंट ऑफ़ पुलिस(ट्रैफ़िक) अनिल कुमार झा ने कहा, ‘सड़क सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के अनुसार, बिना देरी किए लोगों को पीड़ित को फ़र्स्ट एड के लिए अस्पताल पहुंचाना चाहिए. दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की मदद करना सभी नागरिकों का कर्तव्य है. हालांकि हमने ये पाया है कि लोग मदद करने के बजाए वीडियो बनाने लगते हैं और सेल्फ़ी खींचने लगेत हैं. जो हमारे समाज का अमानवीय चहरा दिखाता है और ट्रैफ़िक की समस्या भी खड़ी करता है.’  

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अनिल कुमार झा ने कहा कि ऐसा लोग सोशल मीडिया पर सिर्फ़ लाइक और शेयर के लिए करते हैं. ऐसा करने वालों पर Motor Vehicles Act के सेक्शन 122 और 177 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा.  

Section 122 के अनुसार, किसी को भी सार्वजनकि स्थल पर गाड़ी खड़ी कर या किसी अन्य तरीके से दूसरों के लिए ख़तरा और असुविधा उतपन्न नहीं करना चाहिए और Section 177 इसी बात को दंड के साथ कहता है, जिसमें 100 रुपये से 300 रुपये तक फ़ाइन देने का प्रावधान है.  

बता दें कि सरकार ने Motor Vehicles Act को संशोधित कर जुर्माने की रकम बढ़ा दी है लेकिन अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.