दिल्ली के शाहीन बाग़ में नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध कर रहे लोगों ने बीते रविवार को हिन्दू शवयात्रा के लिए जगह खाली की.
Respecting religious sentiments and showcasing empathy towards the family of the lost ones is the most humane thing to do. Protestors at #ShaheenBagh removed barricading to allow passage of one’s last rights.
— CAA / NRC Protest Info. (@NrcProtest) February 9, 2020
(11:28am // 9.2.2020) pic.twitter.com/0OolmXB2cm
वाकये पर बात करते हुए एक प्रदर्शक ने कहा, ‘हम एक दूसरे का सम्मान करते हैं इसलिए हमने शवयात्रा के लिए जगह छोड़ी, हमने कुछ अलग-थलग नहीं किया. हमने बसों और ऐम्बुलेंस को भी जगह दी है.’

शाहीन बाग़ में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बहुत ज़्यादा छींटा-कशी की गई है. कभी नेताओं ने उन्हें 500 रुपये रोज़ाना और बिरयानी के बदले विरोध करने वाला बताया गया. तो कभी बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने ये कहा कि शाहीन बाग़ के लोगों को खुला छोड़ा गया और रोका नहीं गया तो वे रेप और मर्डर करेंगे. वर्मा ने ये भी कहा कि दिल्ली में बीजेपी की सरकार आती है तो 1 घंटे में शाहीन बाग़ को साफ़ कर दिया जायेगा.

शाहीन बाग़ के प्रदर्शकों में सिर्फ़ एक धर्म के ही लोग नहीं हैं. यहां हो रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर कुछ दिनों पहले एक शख़्स ने गोली भी चलाई थी.