समाज में नफ़रत का आलम किस कदर तक फैल चुका है, इसका जीता-जगाता सबूत कुछ दिनों पहले राजस्थान में देखने को मिला, जहां शम्भुलाल रेगर नाम के एक शख़्स ने मुस्लिम युवक अफ़राज़ुल की हत्या कर उसका वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिया. हालांकि वीडियो के सोशल मीडिया पर आने के बाद पुलिस और प्रशासन भी तुरंत हरकत में आ गया और शम्भुलाल को गिरफ़्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया गया.

मामला यहीं शांत नहीं हुआ और कुछ संगठन शम्भुलाल का सिर्फ़ इसलिए समर्थन करने लगे कि उसने धर्म की रक्षा करते हुए एक लव-जिहादी को मौत के घाट उतारा. इन लोगों ने शम्भुलाल को एक हीरो के तौर पर स्थापित करने में अपनी तरफ़ से कोई कसर नहीं छोड़ी.

ख़ैर इसी मामले में हिंदुस्तान टाइम्स ने एक नया ख़ुलासा किया है कि अफ़राज़ुल ग़लती से शम्भुलाल की हैवानियत का शिकार हो गया. हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शम्भुलाल अपने फ़ोन पर अकसर भड़काऊ वीडियोज़ देखा करता है. शम्भुलाल उस मानिसकता से काफ़ी प्रभावित था, जो अल्पसंख्यकों में अपना दुश्मन तलाश करती है. पुलिस का कहना है कि एक बड़ी ग़लतफ़हमी की वजह से शम्भुलाल ने अफ़राज़ुल की हत्या की.

पुलिस के मुताबिक ‘शम्भुलाल ने इस बात को स्वीकार किया है कि उसका शिकार अज्जू शेख नाम का एक मज़दूर था, जो बंगाल से काम की तलाश में राजस्थान आया हुआ था.’ पुलिस का कहना है कि शम्भूलाल के अनुसार, अज्जू का एक स्थानीय हिन्दू लड़की के साथ प्रेम चल रहा था, जिसे रोकने के लिए शम्भुलाल ने अज्जू को जान से मारने का प्लान बनाया. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके लिए शम्भुलाल ने काम का बहाना निकाला और अज्जू की तलाश में बाजार में गया. उसने लोगों को बताया कि वो अज्जू को ढूंढ रहा, उसे उससे कुछ काम करवाना है. अज्जू के नहीं मिलने पर उसने एक शख़्स से अज्जू का नंबर मांगा. नंबर देने वाले शख़्स को भी लगा कि शम्भुलाल को सच में काम ही करवाना है, जिसके लिए उसने ग़लती से अफ़राज़ुल का नंबर दे दिया. इसके बाद शम्भुलाल ने अफ़राज़ुल को फ़ोन किया और एक दीवार बनाने के लिए बुलाया. हत्या वाले दिन शम्भुलाल ने अफ़राज़ुल के साथ एक दुकान पर चाय भी पी. इसके बाद खेतों के बीच ले जा कर शम्भुलाल ने अफ़राज़ुल की हत्या कर दी.

इस घटना के बाद से ही शहर भर में कर्फ्यू का माहौल है और जगह-जगह हिंदूवादी संगठनों और पुलिस के बीच झड़पों की ख़बरें आ रही है.