अक़्सर लोगों को ये लगता है कि स्पोर्ट्स वाली लड़कियां और महिलाएं धाकड़ होती हैं, रफ़ एंड टफ़ होती हैं. अगर किसी से निपटने की बात हो तो ये लड़कियां किसी को भी सबक सिखा दें. लेकिन क्या हो जब लड़कियों का कोच ही उनसे यौन शोषण करने पर उतर आए. घर, परिवार और गांव इस डर में हो कि इन लड़कियों की ‘इज़्जत’ और भविष्य का क्या होगा? लड़कियां कितनी भी लायक हों, मज़बूत हों लेकिन मुश्किलें इतनी बड़ी और पेचीदगी से भरीं हैं कि हर बार ऐसी घटनाओं को पढ़कर दिल ही बैठ जाता है.
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यौन शोषण की एक और चौंका देने वाली घटना हरियाणा से सामने आई है. दि प्रिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, महिला अंडर 17 फ़ुटबॉल वर्ल्ड कप खेलने की दावेदार 8 लड़कियों का उनके ही कोच ने यौन शोषण किया.
दि प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार, FIR में लिखा गया
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मामले की जांच कर रहे थाना प्रभारी राजकुमार ने दि प्रिंट से हुई बातचीत में कहा,
3 जुलाई को कोच विनोद के ख़िलाफ़ दर्ज हुए FIR में POCSO Act लगाया गया है. अभी वो फ़रार है. 4 जुलाई को विनोद के परिवार के तरफ़ से काउंटर FIR दर्ज करवाई गई है. मामला दर्ज करवाने वाली महिला खिलाड़ी के पिता पर विनोद की 14 साल की बेटी के साथ छेड़छाड़ को लेकर POCSO Act के तहत FIR की गई है.
-राजकुमार
हिसार महिला पुलिस ने एक स्पेशल जांच टीम बनाई है, जो पूरे मामले की जांच करेगी.
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गांववालों ने भी कोच पर उंगलियां उठाईं. दि प्रिंट से बातचीत में ब्लॉक समिति के एक सदस्य ने यहां तक कह दिया कि ये राम रहीम से कम मामला नहीं है. कोच के पास कोई डिग्री नहीं है और न ही वो नेशनल लेवल का खिलाड़ी रहा है.
एक अन्य सदस्य ने बताया,
विनोद से ही फ़ुटबॉल कोचिंग ले रही एक 14 वर्षीय लड़की के माता-पिता ने चिंता ज़ाहिर करते हुए दि प्रिंट से कहा,
इस पूरे मामले की वजह से कई खिलाड़ी लड़कियों के भविष्य पर अंधेरा छा गया है. माता-पिता पहले से ही लड़कियों के खेलने पर ना-नुकर करते हैं और इस मामले के बाद तो अब और ज़्यादा सोचेंगे. हरियाणा सरकार को लड़कियों के लिए महिला कोच की व्यवस्था करनी चाहिए थी पर उन्होंने इस पर ध्यान देना ज़रूरी नहीं समझा.