अक्सर हमारे सामने ऐसी ख़बरें आती हैं जहां इंसान ही वहशी दरिंदा बन जाता है और हैवानियत की हदें पार कर देता है. मानिसक स्वास्थय ठीक न होने के नाम पर आज भी देशभर में कई घरों के अंधेरे कमरे में ज़िन्दगियों को बांधकर रखा जाता है.
पिता का कहना है कि मां की मौत के बाद इन तीनों ने ख़ुद को कमरे में बंद कर लिया था, वहीं लोगों का कहना है कि इन तीनों का पिता अंधविश्वासी है और उन्हें काले जादू से बचाने के लिए अपने परिवार को बंद करके रखा था.
थोड़ी देर बाद पिता, नवीनभाई मेहता मौक़े पर पहुंचे और उसका कहना था कि तीनों 10 साल से ऐसे ही रहते हैं, मां की मौत के बाद तीनों ने ख़ुद को बंद कर लिया था. नवीनभाई ने बताया कि अमृश के पास BA, LLB की डिग्री थी और वो पेशेवर वक़ील था, मेघना के पास MA Psychology की और सबसे छोटे भावेश के पास BA Economics की डिग्री थी और वो उभरता क्रिकेट खिलाड़ी था.
तीनों की हालत बेहद ख़राब थी, तीनों कुपोषित थे और उनकी बाल-दाढ़ी बढ़ी हुई थी. अभी तक किसी ने पुलिस में शिकायत नहीं दर्ज करवाई है और एनजीओ के एक सदस्य ने आश्वासन दिलाया है कि तीनों का ख़याल रखा जाएगा.