दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और धुंध को काबू में करने के लिए प्रशासन ने हेलिकॉप्टर से कृत्रिम बारिश करवाने की सोची थी, लेकिन अब पता चला है कि Smog के कारण हेलिकॉप्टर उड़ान ही नहीं भर पाएंगे.

प्रदूषण की समस्या हल न कर पाने के कारण सरकार की जम कर आलोचना हो रही है. पर्यावरण मंत्री हर्ष वर्धन ने मंगलवार को लोगों से धैर्य रखने की अपील की है, लकिन प्रदूषण का स्तर अब भी ख़तरनाक बना हुआ है.

शहर के प्रशासन ने एक हेलिकॉप्टर कम्पनी से दिल्ली में पानी के छिड़काव के लिए बात की थी. कम्पनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक बीपी शर्मा ने कहा है कि मौजूदा हालात में हेलिकॉप्टर का उड़ना मुमकिन नहीं है. सोमवार को इससे सम्बंधित मीटिंग की गयी थी.

दिल्ली के कई हिस्सों, विशेष रूप से दक्षिणी क्वार्टर जहां संसद, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री निवास हैं, नो-फ़्लाई क्षेत्र में आते हैं. इसलिए भी हेलिकॉप्टर से कृत्रिम बारिश का विकल्प मुश्किल है.

2015 में हुए एक अध्ययन में पता चला था कि धुंध के लिए गाड़ियों से उड़ने वाली धूल 52% तक ज़िम्मेदार होती है. शहर में बढ़ रहा कंस्ट्रक्शन भी धूल को बढ़ाता है. दिल्ली के आस-पास के इलाकों को पुआल जलाये जाने से प्रदूषण में बहुत बढ़ोतरी होती है.

डॉक्टरों ने इसे स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति बता दिया है, लेकिन मंत्री अब भी यही अपेक्षा कर रहे हैं कि जनता धैर्य रखे.

हेलिकॉप्टर से कृत्रिम बारिश करने के उपाय के बारे में भी कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे कोई ख़ास फ़र्क नहीं पड़ेगा.

ऐसा नहीं है कि दिल्ली में ही हालात इतने ख़राब हैं, देश के कई शहरों में हालात और भी बदतर हैं, लेकिन दिल्ली की बात ज़्यादा हो रही है. बनारस में हवा दिल्ली से भी ज़्यादा प्रदूषित बताई गयी है.

दिल्ली सरकार इस समस्या से लड़ने का सार्थक उपाय ढूंढने में विफल हो रही हैं और केंद्र सरकार कोई कदम उठाती नहीं दिख रही. ऐसे में दिल्लीवासियों के पास इस ज़हरीली हवा में सांस लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.