दिल्ली-एनसीआर यहां रहना तो सब चाहते हैं, लेकिन उसकी दिन पर दिन बिगड़ती हालत के बारे में किसी को कोई फिक्र नहीं है. यहां की आबोहवा प्रदूषण के चलते दमघोंटू हो गई है. बीते मंगलवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स औसतन 401 रहा. इससे पता चलता है कि स्थिति कितनी गंभीर है. इसलिए Environment Pollution Control Authority(EPCA) दिल्ली में प्राइवेट गाड़ियों पर रोक लगाने के बारे में विचार कर रही है.

हर साल सर्दियां आते ही दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण की ख़बरें आने लगती हैं. इसके लिए पड़ोसी राज्यों में किसानों द्वारा जलाई जाने वाली पराली, बढ़ती गाड़ियों की संख्या, निर्माण कार्य जैसे कारक ज़िम्मेदार हैं. इस साल भी ऐसा ही होता दिखाई दे रहा है.
#Visuals of smog seen at #Delhi‘s India Gate in early morning hours. pic.twitter.com/c2IOErahL6
— ANI (@ANI) October 31, 2018
इसलिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित EPCA आने वाले दिनों में प्राइवेट गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने के बारे में सोच रही है. EPCA पहले से दिल्ली में निर्माण कार्यों पर रोक लगा चुकी है. EPCA के चेयरमेन, भूरे लाल ने कहा- दिल्ली में प्रदूषण बढ़ता है ही जा रहा है. अगर हालात और बिगड़े तो हम प्राइवेट गाड़ियों पर रोक लगा सकते हैं क्योंकि गाड़ियों से ज़रूरी लोगों का जीवन है.

प्रदूषण पर राजनीति
राजधानी में लगातार बढ़ते प्रदूषण को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि केंद्र और पड़ोसी राज्य इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहे. आप सरकार का आरोप है कि उनकी लगातार कोशिशों के बावजूद वो कुछ भी करने को तैयार नही हैं.

वहीं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन का कहना है कि उनका मंत्रालय और पंजाब-हरियाणा की सरकार द्वारा पराली जलाने पर सख्ती बर्ती गई है. दिल्ली सरकार को भी कुछ कदम उठाने चाहिए.
Delhi: According to the Air Quality Index (AQI) data, major pollutant PM 2.5 is at 262 (poor) and PM 10 at 283 (poor) in Lodhi Road area. pic.twitter.com/8COWGE8CL4
— ANI (@ANI) October 31, 2018
हर साल सर्दियों की शुरूआत होते ही दिल्ली स्मॉग की चपेट में आ जाती है. ये पूरी सर्दियों तक चलता है. हमारी सरकार को इस पर राजनीति करने की जगह समस्या का समाधान निकालने के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए.