Sourav Joshi Controversy in Hindi: अगर आप सोशल मीडिया से जुड़े हैं, तो सौरभ जोशी आपके लिए कोई नया नाम नहीं होगा. Sourav Joshi एक यूट्यूबर हैं, जो अपने घर, अपने आसपास और अपने से जुड़ी चीज़ों के Vlogs बनाते हैं और यूट्यूब पर अपलोड करते हैं. उनके Youtube पर 1.88 करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं और इंस्ट्राग्राम पर उन्हें 3.9M लोग फ़ॉलो करते हैं.
लेकिन, इस दौरान Youtuber Sourav Joshi की मुसीबतें बढ़ गईं हैं. सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जा रहा है और ख़बर ऐसी भी आ रही हैं इनके विरोध में पुतला भी फूंका गया है. उन्होंने ऐसा क्या किया है कि लोग उनका विरोध कर रहे हैं, ये हम आपको इस आर्टिकल में विस्तार से बताएंगे. पूरी जानकारी के लिए लेख के अंत तक बने रहें.
आइये, अब लेख में सीधा बढ़ते हैं और जानते हैं कि आख़िर क्यों सौरभ जोशी सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे हैं.
क्यों ट्रोल हो रहे हैं सौरभ जोशी
Sourav Joshi Controversial Remark in Hindi: सौरभ जोशी उत्तराखंड के हल्द्वानी से संबंध रखते हैं. हाल ही में उन्होंने अपने एक व्लॉग में ऐसा कुछ कह डाला कि लोग उनके विरोध में उतर आए. दरअसल, अपने एक व्लॉग में सौरभ जोशी कहते हैं कि “मेरी वीडियो के ज़रिये लोग उत्तराखंड को जान रहे हैं, हल्द्वानी को जान रहे हैं. हल्द्वानी को पहले कोई नहीं जानता था. अब हर कोई जान रहा है. ट्रेंडिंग में रोज हल्द्वानी रह रहा है, उत्तराखंड रह रहा है, हमारा इंडिया रह रहा है.”
सौरभ जोशी के शब्द उत्तराखंड के लोगों को सही नहीं लगे और उनका जमकर विरोध कर रहे हैं.
फ़ेसबुक पर लोग रख रहे हैं अपनी प्रतिक्रिया
उत्तराखंड के जाने-माने पत्रकार राजीव नयन बहुगुणा इस पर कहते हैं कि, “ये दावा तो कभी चंद्र सिंह गढ़वाली, गोविंद वल्लभ पंत और सुंदर लाल बहुगुणा ने भी नहीं किया. तुम्हें या तो इलाज़ की आवश्यकता है, अथवा सुधार की दृष्टि से सीमित पिटाई की.”
Dehradun Wale नाम के एक यूज़र लिखते हैं कि
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फ़ूंका गया पुतला
Sourav Joshi Controversial Remark in Hindi: मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो सोरश जोशी के खिलाफ़ विरोध इस कदर है कि लोगों ने मिलकर सौरभ जोशी के नाम का पुतला भी फूंक डाला है. हालांकि, इसपर फिलहाल सौरभ जोशी की तरफ़ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
कई बार शोहरत और पैसा इंसान को कुछ भी बुलवा देता है, शायद इसी चीज़ का शिकार सौरभ जोशी हो गए हैं. अध्यात्म का एक बड़ा केंद्र उत्तराखंड है. उत्तराखंड को किसी पहचान की ज़रूरत नहीं है. सालों से देश-विदेश से लोग उत्तराखंड को देखने और वहां की प्राकृतिक सुंरदता का आनंद लेने के लिए आते हैं. ऐसे में सौरभ जोशी का ये कहना कि उनकी वजह से लोग उत्तराखंड को जान रहे हैं, तो ये उनकी ग़लतफ़हमी है.