आम जनता की सुरक्षा के लिए जहां पुलिस काम करती है, वहीं बड़ी शख़्सियतों को कुछ ख़ास सुरक्षा सेवाएं मुहैया कराई जाती हैं जैसे ज़ेड प्लस, वाई प्लस व एक्स प्ल्स. बड़ी शख़्सियतों में मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, हाई कोट और सुप्रीम कोर्ट के जज, मशहूर नेता व वरिष्ठ अधिकारी शामिल होते हैं. बीबीसी के अनुसार, भारत में ऐसी ख़ास सुरक्षा क़रीब 450 लोगों को दी गई है.
आइये, अब नीचे विस्तार से पीएम की सुरक्षा और SPG Security के बारे में बताते हैं.
प्रधानमंत्री की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी
ये तो आपको पता ही होगा कि देश व शासन व्यवस्था से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री को देश-विदेश का दौरा करना पड़ता है. चूंकि वो प्रधान सेवन हैं इसलिए उनकी ख़ास सुरक्षा के लिए SPG को नियुक्त किया गया है. एसपीजी (SPG Security) पर प्रधानमंत्री की सुरक्षा की पूरी ज़िम्मेदारी होती है. एक साये की तरह वो प्राइम मिनिस्टर की सुरक्षा करती है. न सिर्फ़ यात्रा के दौरान बल्कि उनके आधिकारिक आवास में उनकी और उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा के लिए एसपीजी तैनात रहती है.
सबसे महंगी और पुख़्ता सुरक्षा व्यवस्था
प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा के लिए SPG (SPG Security) का गठन 1988 में किया गया था. इसे देश की सबसे महंगी और पुख़्ता सुरक्षा व्यवस्था कहा जाता है. बीबीसी के अनुसार, इस पर सालाना 375 करोड़ से ज़्यादा रुपए ख़र्च किये जाते हैं.
पीएम की सुरक्षा के क्या इंतज़ाम किए जाते हैं?
पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी यशोवर्धन आज़ाद का कहना है कि प्रधानमंत्री के किसी भी दौरे से पहले ख़ास तैयारियां की जाती हैं. अगर पीएम किसी चुनावी रैली में जनता को संबोधित करने जा रहे हैं, तो अलग तरीक़े से तैयारी की जाती हैं. चप्पे-चप्पे की जांच की जाती है और ख़्याल रखा जाता है.
एडवांस सिक्योरिटी मीटिंग
यूपी के पूर्व डिजीपी विक्रम सिंह का कहना है कि पीएम के दौरे से पहले एडवांस सिक्योरिटी लिएज़न (एएसएल) मीटिंग होती है, जिसमें एसपीजी के साथ स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौजूद होते हैं. इस मीटिंग में पीएम के कार्यक्रम के आधार पर उनकी सुरक्षा का विश्लेषण किया जाता है. साथ ही संभावित प्रदर्शन या अराजक तत्वों के विषय में भी बात की जाती है.
क्या है ब्लू बुक?
ब्लू बुक में पीएम के राज्यों के दौरे से जुड़े एसपीजी के लिए दिशा निर्देश दिए होते हैं. ये निर्देश गृह मंत्रालय द्वारा दिए जाते हैं. इसके अनुसार, पीएम के दौरे से तीन दिन पहले एसपीजी राज्य के पुलिस अधिकारी, आईबी, ज़िला मजिस्ट्रेट व अन्य ज़रूरी लोगों के साथ मीटिंग करती है जिसमें पीएम के मिनट टू मिनट कार्यक्रम से जुड़े सुरक्षा इंतज़ाम किए जाते हैं.
क्या कहता है एसपीजी एक्ट?
एसपीजी एक्ट 1988 में अस्तित्व में आया था जिसमें पीएम की सुरक्षा और एसपीजी की ज़िम्मेदारियों को बताया गया है. इस एक्ट के अनुसार, Special Protection Group यानी एसपीजी प्रधानमंत्री और उनके परिवार को सुरक्षा प्रदान करेगी. इसके अलावा, एक निर्धारित समय तक पूर्व प्रधानमंत्री को भी एसपीजी सुरक्षा प्रदान करेगी. एसपीजी के सभी सदस्यों को देश या विदेश कहीं भी अपनी सेवा देनी होगी. ग्रुप का कोई भी सदस्य छुट्टी नहीं ले सकता है. साथ ही वो इस्तिफ़ा भी नहीं दे सकता है.