भारत में इतिहास का मूर्ति काल चल रहा और वर्तमान में अपने शरुआती दौर से आगे बढ़ चुका है. इस दौर में बड़ी मूर्तियों का चलन देखा जाएगा, ‘Statue Of Unity’ को इसके आगाज़ का श्रेय दिया जाएगा. लाईन में और भी कई मूर्तियां खड़ी हैं,- छत्रपति शिवाजी, भगवान श्री राम, भीम राव अंबेडकर आदी. इस कड़ी में एक और नाम कर्नाटक की ओर से भी जुड़ गया है.
राज्य सरकार ने 350 फ़ीट ऊंची ‘मां कांवेरी’ की मूर्ति बनाने का प्रस्ताव पेश किया है. ये मूर्ति Mandya ज़िले में Krishnaraja Sagar Reservoir में बनेगी.
Deccan Herald के रिपोर्ट के अनुसार, मूर्ति पर्योटकों को ठीक से दिखे, इसलिए ‘मां कांवेरी’ की मूर्ति 125 फ़ीट ऊंची नींव पर रखी जाएगी. कर्नाटक सराकर के मंत्री D. K. Shivakumar ने ANI से बातचीत के दौरान कहा कि प्रस्तावित ढांचा टावर की तरह होगा. वो ज़मीन पहले से ही सरकार की है और उसे बनाने के लिए सरकार के पैसों का उपयोग नहीं होगा.
It is not exactly a statue, it will be like a tower. The land already belongs to the govt and we will be inviting investors to invest in it, no govt money will be used. It will be a tourist destination: Karnataka Minister DK Shivakumar on the proposed statue of Mother Cauvery pic.twitter.com/imnhhm0iy4
— ANI (@ANI) November 15, 2018
ये मूर्ति बनाने का उद्देश्य कावेरी नदी के मातृत्व को दर्शाना है, जिससे राज्य की जनता की भावनाएं जुड़ी हुई हैं. मूर्ति में एक औरत को दिखाया जाएगा और उसके हाथ में एक घड़ा बना होगा, जिससे लगातार पानी गिरता रहेगा. पंप के ज़रिए पानी को नीचे से घड़े तक पहुंचाया जाएगा.
इस मूर्ति के प्रस्ताव को जल संसाधन मंत्री D. K. Shivkumar और पर्यटन मंत्री Sa Ra Mahesh ने बेंगालुरु में हुई मीटिंग के दौरान पास कर दिया.
इस परियोजना के लिए निवेशक की ख़ोज चल रही है. पर्यटन मंत्री ने मीडिया को बताया कि ये परियोजना BOOT(Build-Own-Operate-Transfer) मॉडल पर बनाया जाएगा. यानी जो कंपनी इसे बनाएगी, वो अपनी लागत और मुनाफ़ा वसूलने के बाद इसे सरकार को सौंप देगी. अगले कुछ महीने बाद इस परियोजना का टेंडर निकाला जाएगा.
ऐसा नहीं है कि सरकार सिर्फ़ मूर्ति ही बनाने वाली है. इसका मुख्य उद्देश्य Amusement Park बनाना है, जिसके भीतर कई थीम के अनुसार पार्क बनाए जाएंगे, जैसे- Penguin Park और Aromatherapy Park.
एक प्लान के अनुसार मशहूर वैश्विक ऐतिहासिक इमारतों को नकली मूर्तियां भी बनाई जाएंगी, जैसे- Hampi, Belur और Halebid. पार्क के भीतर होटल और फूड कोर्ट भी होंगे.