Breakthrough Listen प्रोजेक्ट के रिसर्चर्स ने एक बार फिर 15 फ़ास्ट रेडियो बर्स्ट्स को डिटेक्ट किया है. फ़ास्ट रेडियो बर्स्ट्स 2007 से ही वैज्ञानिकों के लिए रहस्य बने हुए हैं. इन बेहद छोटे, हाई एनर्जी पल्स का अस्तित्व महज कुछ मिलीसेकेंड्स के लिए होता है पर ये इतनी ऊर्जा पैदा करते हैं जितनी सूरज एक महीने में करता है.

माना जा रहा है कि ये सिग्नल पृथ्वी से तीन बिलियन प्रकाश वर्ष दूर एक आकाशगंगा से आ रहे हैं. 100 मिलियन डॉलर का ये प्रोजेक्ट दरअसल, ब्रह्माण्ड में एलियन लाइफ़ की खोज के चलते सुर्खियां बटोर रहा है.  Breakthrough Listen को 2015 में लॉन्च किया गया था. इसे महान वैज्ञानिक स्टीफ़न हॉकिंग और रूस के अरबपति इंटरनेट इंवेस्टर यूरी मिलनर ने शुरू किया था. ये प्रोजेक्ट दुनिया भर के Astronomers और वैज्ञानिकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. गौरतलब है कि इस प्रोजेक्ट से एक भारतीय भी जुड़े हुए हैं.

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इस प्रोजेक्ट के द्वारा 15 फ़ास्ट रेडियो बर्स्ट (FRB) सिग्नल्स का पता लगाया जा चुका है. इन ट्रांसमिशंस के स्त्रोत को FRB 121102 कहा जाता है. इसे रिपीटर भी कहा जा रहा है क्योंकि ये बार-बार इन सिग्नल को पैदा कर रहा है. 

Breakthrough Listen के रिसर्चर्स ने वर्जिनिया में ग्रीन बैंक रेडियो का इस्तेमाल करते हुए 15 और सिग्नल्स का पता लगाया है. इन सिग्नल्स की फ्रीक्वेंसी पिछले सिग्नल्स के मुकाबले कहीं ज़्यादा बताई जा रही है. इससे पहले astronomers ने 2012 में एक फ़ास्ट रेडियो बर्स्ट को डिटेक्ट किया था. इस FRB (फ़ास्ट रेडियो बर्स्ट) के नौ बर्स्ट्स की छह महीने जांच परीक्षण के बाद इन एस्ट्रोनॉमर्स ने आकाश में इसकी निश्चित पोज़ीशन का पता लगाया था. इस प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिक इन सिग्नलस से काफ़ी प्रभावित थे. इनमें से एक हार्वर्ड विशेषज्ञ का कहना था कि ये सिग्नल किसी एलियन स्पेसक्राफ़्ट से भी हो सकते हैं.

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इस प्रोजेक्ट से जुड़े एक वैज्ञानिक के मुताबिक, पहले हमें लगता था कि कि किसी भी हाई और लो फ्रीक्वेंसी पर Emission की ज़्यादा मौजूदगी नहीं होगी लेकिन ऐसा लगता है कि हम गलत थे. कनाडा में Montreal की मैक्गिल यूनिवर्सिटी में इस टीम के सदस्य डॉ श्रीहंस तेंदुलकर के मुताबिक, ‘जब तक इन FRBs की लोकेशन का पता नहीं चला था, कई ऐसे स्पष्टीकरण आने लगे थे जिनके मुताबिक, इन्हें हमारी मिल्की वे आकाशगंगा के आस पास ही मौजूद बताया जा रहा है, लेकिन कम से कम हम इन FRB के बारे में तो यकीन से कह सकते हैं कि ऐसा नहीं है क्योंकि पृथ्वी से इसकी दूरी करीब तीन बिलियन प्रकाश वर्ष दूर है’. 

वैज्ञानिकों का मानना है कि Break through listen project द्वारा पकड़े गए ये 15 सिग्नल्स स्पाई सैटेलाइट्स, आकाशीय पिंडो द्वारा फै़ली एनर्जी या फिर किसी एलियन सभ्यता के ट्रांसमिटिंग मेसेज हो सकते हैं. इस प्रोजेक्ट के पहले 10 सालों में पृथ्वी के सबसे करीबी 10 लाख स्टार का सर्वे किया जाएगा जिससे मिल्की वे के Galatic plane को स्कैन किया जा सकेगा. इससे हमारी गैलेक्सी के बाहर मौजूद 100 सबसे करीबी गैलेक्सी से मेसेज़स को सुना जा सकेगा. ये मेसेज़ेस 10 बिलियन अलग अलग फ्रीक्वेंसी पर होंगे.

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इससे पहले डिटेक्ट किए गए सिग्नल्स न्यूट्रोन स्टार्स के द्वारा अस्तित्व में आए थे जिनकी मैग्नेटिक फ़ील्ड बेहद एक्सट्रीम होती है. इससे पहले तक कयास लगाए जा रहे थे कि ये रे़डियो बर्स्ट्स किसी एलियन सभ्यता द्वारा इस्तेमाल किए गए एनर्जी स्त्रोत, पावर स्पेसक्राफ्ट या स्पाइ सैटेलाइट द्वारा भेजे जा रहे हैं.

हालांकि भारतीय वैज्ञानिक विशाल गुज्जर का मानना है कि किसी एलियन सभ्यता तक पहुंचने के लिए ये तरीका सही हो सकता है लेकिन उन्हें इसे लेकर संदेह हैं कि जो सिग्न्ल्स मिल रहे हैं वो किसी एलियन सभ्यता के ही हैं. उन्होंने कहा कि हमने जवाबों से ज़्यादा सवाल पैदा कर दिए हैं. जांच पड़ताल जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी हमें कई और अजीबोगरीब दिलचस्प चीज़ें मिल सकती हैं. इस प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारियां सबसे पहले The Astronomer’s Telegram में प्रकाशित हुई थी.

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यूं तो प्रोफ़ेसर हॉकिंग ही इस प्रोजेक्ट के सूत्रधार हैं लेकिन वे अब भी उम्मीद करते हैं कि धरती के लोगों का एलियंस के साथ कोई पाला न पड़े. हॉकिंग के मुताबिक, Extraterrestrials ऐसे जीव भी हो सकते हैं, जो ब्रह्माण्ड में संसाधनों की खपत के लिए दुनिया को तलाश रहे हों और ऐसे में वो कई ग्रहों पर अपना कब्ज़ा जमा सकते हैं.